जो लोगों के सम्मान को बचाता है अल्लाह तआला क़यामत के दिन उसकी ग़लतियों को क्षमा कर देगा। और जो लोगों से अपने ग़ुस्से पर कंट्रोल कर लेगा तो क़यामत में अल्लाह उससे अपने ग़जब ...
इस में कोई शक नही है कि सदाचार हर समय में महत्वपूर्ण रहा हैं। परन्तु वर्तमान समय में इसका महत्व कुछ अधिक ही बढ़ गया है। क्योँकि वर्तमान समय में इंसान को भटकाने और बिगाड़ने ...
जब पैग़म्बरे अकरम (स) ने देख लिया कि लोगों को लश्करे ओसामा के साथ मदीने से बाहर भेजने की तदबीर नाकाम हो गई तो आपने तय किया कि हज़रत अली (अ) की इमामत के सिलसिले में अपनी 23 साला ...
इमाम हुसैन (अ:स) अपने नाना रसूल अल्लाह (स:अ:व:व) से उम्मत द्वारा किये गए ज़ुल्म को ब्यान करते हुए कहते हैं :नाना आपके बाद आपकी उम्मत ने माँ फातिमा (स:अ) पर इतना ज़ुल्म ढाया की मेरा ...
स्वाभाविक रूप से हर व्यक्ति सफाई और सुन्दरता को पसंद करता है जबकि वह बुरी चीज़ों से विरक्त है।
सुन्दरता का अर्थ सुव्यवस्थित करना है और कभी समन्वय एवं तैयार होने के अर्थ ...
ईरान के गृहमंत्री ने कहा है कि इमाम हुसैन (अ) का चेहलुम मनाने के उद्देश्य से 20 लाख से अधिक ईरानी श्रद्धालु इराक़ के पवित्र नगर करबला पहुंचेंगे। अब्दुर्रज़ा रहमानी ...
इस्लामी गणतंत्र ईरान, इराक़, भारत और पाकिस्तान सहित अनेक देशों में मोहर्रम का महीना शुरू हो गया है। इराक़ के पवित्र नगर कर्बला में जहां पैग़म्बरे इस्लाम के नाती हज़रत ...
यहाँ पर अपने प्रियः अध्ययन कर्ताओं के लिए हज़रत इमाम नक़ी अलैहिस्सलाम के कुछ मार्ग दर्शक कथन प्रस्सतुत किये जारहे हैं।1- सुरक्षित रहोहज़रत इमाम नक़ी अलैहिस्सलाम ने कहा ...
क़ुरआन रब की ख़ास इनायत का नाम है।
क़ुरआन नज़मो ज़बते शरीयत का नाम है।
क़ुरआन एक ज़िंदा हक़ीक़त का नाम है।
क़ुरआन ज़िंदगी की ज़रूरत का नाम है।
क़ुरआन एक किताबे इलाही जहाँ ...
पुस्तकः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन
लेखकः आयतुल्ला अनसारीयान
हमने इसके पूर्व लेख मे ईश्वर की दया का उल्लेख किया जिसमे इस बात का स्पष्टीकरण करने का प्रयास किया कि मानव ...
इमाम अली नक़ी अ. ने अपनी इमामत के 7 साल मोतसिम अब्बासी के दौर में गुज़ारे, इन वर्षों में इमाम की हर गतिविधि पर हुकूमत के जासूसों कि निगाहें थीं, और आपके पास आने जाने वाले लोगों ...
रमज़ान का पवित्र महीना बस बीतने वाला है, ईश्वर ने रमज़ान को अपने दासों के लिए आतिथ्य का विशेष अवसर कहा है। इसी रमज़ान के महीने में कुछ रातें अत्याधिक महत्व रखती हैं जिन्हें ...
नाम व अलक़ाब (उपाधियाँ)इमामे सज्जाद अलैहिस्सलाम का नाम अली व आपकी मुख्य उपाधि सज्जाद हैं। माता पिताआपके पिता हज़रत इमामे हुसैन अलैहिस्सलाम व आपकी माता हज़रते शहरबानो ...
जैसे ही नवासा ए रसूल (स) हज़रत इमाम हुसैन (अ) के क़याम व शहादत का महीना, मोहर्रम शुरु होता है वैसे ही एक ख़ास सोच के लोग इस याद और तज़करे को कमरंग करने की कोशिशें शुरु कर देते ...
अगर आप इस लेख को आत्मा या रूह से सम्बंधित मान रहे हैं तो ऐसा हरगिज नहीं है।
चूंकि मेरे सभी लेख साइंस से ही सम्बंधित हैं इसलिये मैं ऐसी कोई बात नहीं करूंगा जो साइंस के दायरे ...
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीमक़ुरआन और इल्म क़ुरआन और इल्म के रिश्ते को समझने के लिए इतना काफ़ी है कि क़ुरआन आलमें इंसानियत की रहबरी के लिए आया है और आलमे इंसानियत का कमाल ...
कामों में दूसरों से मशवरा करो। समाजी तरक़्क़ी का एक पहलू मशवरा करना है। मशवरा यानी मिलकर फ़िक्र करना। इसमें कोई शक नही है कि जो लोग मशवरा करते हैं, उनमें अक़्ल व फ़िक्र ...
जिस वक़्त पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम के पास ईश्वरीय संदेश वही लाने वाले फ़रिश्ते हज़रत जिबरईल मायदा सूरे की आयत नंबर 67 लेकर उतेर कि जिसमें ईश्वर कह ...
6)चर्च ने पहले औरत की मज़म्मत (निन्दा) की , उसको बुराई की जड़ बताया और फिर उसको यह यक़ीन दिलाया किइज़्ज़त का मक़ाम पाने के लिए तुम्हे मर्द के साथ साथ चलना पड़ेगा और जब औरत मर्द ...
जिस समय महापुरुषों की बात आती है क़लम कांपने लगता है क्योंकि क़लम कभी इन महापुरुषों के व्यक्तित्व के सभी आयामों का भलिभांति चित्रण नहीं कर सकता। पैग़म्बरे इस्लाम के नाती ...