इल्म हासिल करो और अगर उसे याद न कर सको तो लिख लो और अपने घरो मे महफूज़ रखो।هَلاكُ الْمَرْءِ فى ثَلاث: اَلْكِبْرُ، وَالْحِرْصُ، وَالْحَسَدُ; فَالْكِبْرُ هَلاكُ الدّينِ،، وَبِهِ لُعِنَ إبْليسُ. وَالْحِرْصُ عَدُوّ ...
पैग़म्बरे इस्लाम(स) फ़रमाते हैं कि हमारे अनुयाई उस समय तक सुरक्षित रहेंगे जब तक वह अम्र बिलमारूफ और नही अनिलमुन्कर करते रहेंगे और भलाई तथा तक़वा अर्थात ईश्वरीय भय में एक ...
माम जाफ़र सादिक़ फ़रमाते हैं: जो कोई भी खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोता है तो खाने के शूरू और बाद में उसके लिए बरकत होती है और जब तक जीवित रहता है समृद्ध जीवन बिताता है और ...
इमाम रज़ा अ.स. को शहीद करने के बाद मामून चाहता था कि किसी तरह से इमाम तक़ी अ.स. पर भी नज़र रखे और इस काम के लिये उसने अपनी बेटी उम्मे फ़ज़्ल का निकाह इमाम तक़ी से करना चाहा।इस बात पर ...
वर्ष ३८ हिज़री क़मरी ५ शाबान को पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेहि व सल्लम के पौत्र इमाम अली बिन हुसैन पैदा हुए जिनकी एक उपाधि सज्जाद भी है।हज़रत इमाम हुसैन ...
जिस समय महापुरुषों की बात आती है क़लम कांपने लगता है क्योंकि क़लम कभी इन महापुरुषों के व्यक्तित्व के सभी आयामों का भलिभांति चित्रण नहीं कर सकता। पैग़म्बरे इस्लाम के नाती ...
महापुरुष व बुद्धिमान लोग अपने जीवन काल के बेहतरीन अनुभवों को प्रवचन व वसीयत के रूप में ज़बान व क़लम से बयान करते हैं ताकि आने वाले लोगों के लिए जीवन का पाठ बने। हज़रत अली ...
ईश्वरीय मूल्यों एवं शिक्षाओं का प्रसार करने वाले लोगों की या हमें आध्यात्मिक सुन्दरताओं से भरे संसार में ले जाती हैं और हमें अत्यन्त मूल्यवान पाठ देती हैं। इन्हीं ...
हज़रत इमाम हुसैन (अ) ने अपने रिश्तेदारों और साथियों के साथ इस्लाम को क़यामत तक के लिये अमर बना देने के लिए महान बलिदान दिया है। इस रास्ते में इमाम किसी क़ुरबानी से भी पीछे ...
उफ़ुक़ पर मुहर्रम का चाँद नुमुदार होते ही दिल महज़ून व मग़मूम हो जाता है। ज़ेहनों में शोहदा ए करबला की याद ताज़ा हो जाती है और इस याद का इस्तिक़बाल अश्क़ों की नमी से होता है ...
आप का इस्मे मुबारक फ़ातिमा है! आप का मशहूर लक़ब "मासूमा" है! आप के पिता शियों के सातवें इमाम हज़रत मूसा इब्न जाफ़र (अ:स) हैं और आप की माता हज़रत नजमा ख़ातून हैं, और यही महान स्त्री ...
आशूरा के वाक़ेया ने इंक़ेलाब बरपा कर दिया, ग़फ़लत की नींद में पड़े हुए लापरवाह लोगों को बेदार कर दिया, मुर्दा ज़मीर इंसानों को ज़िन्दा कर दिया, मज़लूमियत और इँसानियत की ...
हज़रत इमाम हुसैन (अस) ने सन् (61) हिजरी में यज़ीद के विरूद्ध आंदोलन किया। उन्होने अपने आंदोलन के उद्देश्यों को इस तरह बयान किया है किः1. जब हुकूमती यातनाओं से तंग आकर हज़रत इमाम ...
अहलेबैत न्यूज़ एजेंसी अबना: हज़रते फ़ातेमा मासूमा स.अ. इस्लामी इतिहास की एक महत्वपूर्ण हस्ती का नाम है। आप शियों के सातवें इमाम, हज़रत इमाम मूसा काज़िम अ.स. की बेटी और आठवें ...
इलाही पैग़म्बरों की एक अहेम ज़िम्मेदारी जेहालत, बेदीनी, अंध विश्वास के विरुद्ध संघर्ष और अन्याय, ज़ुल्म और मानवाधिकारों के हनन के ख़ेलाफ़ आंदोलन छेड़ना था। आख़री इलाही ...
इब्ने हजर हैसमी जो अहले सुन्नत के कट्टरपंथी उल्मा में से हैं वह इमाम बाक़िर अ. के बारे में लिखते हैं कि, अबू जाफ़र मोहम्मद बाक़िर अ. का उपनाम (उपाधि) बाक़िर है जिसका मतलब ...
हर निर्भर अस्तित्व या संभव अस्तित्व को कारक की आवश्यकता होती है और इस इस सिद्धान्त से कोई भी अस्तित्व बाहर नहीं है किंतु चूंकि ईश्वर का अस्तित्व इस प्रकार का अर्थात संभव व ...
इब्ने सब्बाग़ मालिकी बयान करते हैं कि "जब इमाम हुसैन अ. नमाज के लिए खड़े होते थे तो आपका रंग पीला पड़ जाता था। आपसे पूछा गया कि नमाज के समय ऐसा क्यों होता है? तो आपने कहा: ...
अहलेबैत न्यूज़ एजेंसी अबना: आशूर के दिन जब करबला के मैदान में रसूले इस्लाम स.अ. के नवासे इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम को भूखा और प्यासा शहीद कर दिया गया और उसके बाद उनके परिवार और ...