ईश्वर की श्रद्धा और उपासना उनके अस्तित्व में इस प्रकार समा गई थी कि वह बड़े ही आश्चर्यजनक और अनुदाहरणीय व्यक्तित्व के स्वामी हो गए थे।ईश्वर का बोध और ईश्वर के प्रति ...
इस कार्यक्रम में पवित्र क़ुरआन के सूरे राद में बिजली और उसकी कड़क, सत्य और असत्य की विशेषताएं, बुद्धिजीवियों के ख़ूबियां और ईश्वर की याद से मन को मिलने वाली शांति की ...
क़ुरआने करीम ज्ञान पर आधारित एक आदर्श किताब है।परन्तु इसके भाव हर इंसान नही समझ सकता। जब कि क़ुरआन अपने आश्य को समझाने के लिए बार बार एलान कर रहा है कि बुद्धि से काम क्यों ...
आज हम इस विषय पर चर्चा करेंगे कि जब खि़लाफ़त इमाम अ़ली का हक़ था तो क्यु आपने पैग़म्बर के स्वर्गवास के बाद अपने हक़ को अबूबकर, उस्मान या उमर से लेने की कोशिश नहीं की?इस सवाल के ...
शहादत पा गए ज़हरे दग़ा से पाँचवे रहबरइमाम इन्सो जिन हज़रत मोहम्मद बाकिरे अतहर हुशाम इब्ने मालिक जब आपसे कुछ बहस करता थाशिकस्त उसको बराबर देता था वह इब्ने पैग़म्बर कुदूरत ...
कर्बला में दस मुहर्रम को आशूरा की घटना के बाद सबसे पहले जब इंसान ने इमाम हुसैन (अ.) की क़ब्र की ज़ियारत की वह रसूले ख़ुदा के सहाबी (साथी) जाबिर इब्ने अब्दुल्लाह अन्सारी थे।वह ...
हज़रत इमाम रिज़ा अलैहिस्सलाम का जीवन परिचयहज़रत इमाम रिज़ा अलैहिस्सलाम का नाम अली व आपकी मुख्य उपाधि रिज़ा है।माता पिताहज़रत इमाम रिज़ा अलैहिस्सलाम के पिता हज़रत इमाम ...
इमाम जाफ़र सादिक़ अ. की इमामत की मुद्दत: 34 साल थी (114 हिजरी से 148 हिजरी तक उस समय के हाकिम: हेशाम बिन अब्दुल मलिक. वलीद बिन यज़ीद बिन अब्दुल मलिक. यज़ीद बिन वलीद. इब्राहिम बिन ...
अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली अलैहिस्सलाम की बिला फ़स्ल इमामत (अर्थात इस्लामी ईशदूत के बाद, बिना किसी फ़ासले के आपको प्रथम श्रेणी में उनका उत्तराधिकारी स्वीकार करना) का ...
अल्लाह की कोई भी सिफ़त डराने वाली नही है, न उसकी रहमानीयत में डर है न ही रऊफ़ियत व रज़्ज़क़ियत व ग़फ़्फ़ारियत में, दुआ ए जोशने कबीर में अल्लाह के हज़ार नाम और सिफ़ात बयान हुए ...
किस नूर की मज्लिस में मिरी जल्वागरी हैजिस नूर से पुर-नूर ये नूर-ए-नज़री हैआमद ही में हैरान क़यास-ए-बशरी हैये कौन सी तस्वीर-ए-तजल्ली से भरी हैगो हुस्न का रुत्बा नहीं मज़कूर ...
पवित्र क़ुरआन के सूरए आले इमरान में आया है कि अलिफ़ लाम मीम, अल्लाह जिसके अतिरिक्त कोई ईश्वर नहीं है और वह सदैव जीवित है और हर वस्तु उसी की कृपा से स्थापित है। उसने आप पर वह ...
माता पिताहज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के पिता हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम व आपकी माता हज़रत फ़तिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा हैं। आप अपने माता पिता की द्वितीय सन्तान ...
हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम: मैं तुम्हें अल्लाह से डरने, धर्म में नैतिकता, सच्चाई के लिए कोशिश करने, जिसने तुम्हे अमानत सौंपी है चाहे वह भला व्यक्ति हो या बुरा, उसकी ...
अपने प्रियः अध्ययन कर्ताओं के लिए हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम के कुछ मार्ग दर्शक कथन प्रस्तुत किये जारहे हैं। 1- अल्लाह हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने कहा कि ...
वालेदैन को कोशिश करनी चाहिये कि शुरु से ही अपने बच्चों को अमली तौर पर मुश्किलों से आशना करायें, अलबत्ता इस बात का ख़्याल रखें कि यह काम तदरीजन व धीरे धीरे होना चाहिये। माँ ...
पिछली चर्चा में हमने जाना कि प्रत्येक मनुष्य में प्रगति की चाहत होती है और वह स्वाभाविक रुप से अपनी कमियों को छिपाने का प्रयास करता है प्रगति की स्वाहाविक चाहत को यदि सही ...
१. मुसलमान वह शख़्स है जिसकी ज़बान और जिसके हाथों से मुसलमान महफ़ूज़ (सुरक्षित) रहें।
२. हर रंज व ग़म और ख़ुशी व मसर्रत की इन्तेहा (हद) है सिवाय जहन्नमियों के रंज व ग़म की ...
अपने पाँच वर्षीय शासन काल मे विभिन्न युद्धों, विद्रोहों, षड़यन्त्रों, कठिनाईयों व समाज मे फैली विमुख्ताओं का सामना करते हुए हज़रतअली ने तीन क्षेत्रो मे सुधार किये जो ...
दुनिया के विभिन्न देशों में ख़ास कर भारत, पाकिस्तान और ईरान में बहुत उत्साह के साथ रसूले इस्लाम स.अ. के नवासे हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के जन्मदिवस का जश्न मनाया जा रहा ...