लब पे आती है दुआ बन के तमन्ना मेरीज़िंदगी शम्अ की सूरत हो ख़ुदाया मेरी!दूर दुनिया का मेरे दम से अँधेरा हो जाए!हर जगह मेरे चमकने से उजाला हो जाए!हो मेरे दम से यूँही मेरे वतन की ...
इस्लाम धर्म में शिफ़ाअत ईश्वर की ओर से मनुष्यों पर एक विभूती बतायी गयी है। जिन लोगों ने उपासना के बंधन को नहीं तोड़ा है और अनेकेश्वरवाद का शिकार नहीं हुए हैं, ईश्वर के ...
पैग़म्बरे इस्लाम ने अपने धर्म के प्रचार के लिए मदीना नगर में एक सुदृढ़ प्रशासनिक व्यवस्था की नींव डाली जिसमें आदर्श न्यायिक विभाग, सैनिक संस्था तथा कार्यालय तंत्र था यह ...
बग़दाद में अमरीकी दूतावास की गतिविधियों के संबंध में सद्र गुट ने चेतावनी दी है। इराक़ की राजधानी बग़दाद में अमरीकी दूतावास में कर्मचारियों की बहुत अधिक संख्या से इराक़ ...
पवित्र क़रआन के सूरए अनआम की 32वीं आयत में आया हैः संसार का जीवन खेल तमाशे के अतिरिक्त कुछ नहीं और परलोक, ईश्वर से डरने वालों के लिए सबसे अच्छा ठिकाना है। क्या तुम चिंतन नहीं ...
पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम का एक महत्वपूर्ण क़दम, इस्लामी शासन के प्रशासनिक केंद्र के रूप में मस्जिद का निर्माण था। वस्तुतः इस बात ...
हिंसा और निर्दयता में प्रसिद्ध सऊद इब्ने अब्दुल अज़ीज़ ने मक्के पर क़ब्ज़ा करने के दौरान सुन्नी समुदाय के बहुत से विद्वानों को अकारण ही मार डाला और मक्के के बहुत से ...
उस समय अब्बासी शासक मोतमिद के हाथ में सत्ता थी। वह सोचता या कि इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम को अपने मार्ग से हटाकर वह उनकी याद को भी लोगों के मन से मिटा देगा और वे सदैव के लिए ...
पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम की पैग़म्बरी की सार्वजनिक घोषणा के दस वर्ष बाद पैग़म्बरे इस्लाम स की पत्ती हज़रत ख़दीजा सलामुल्लाहे अलैहा ने संसार से ...
हिमायत / शिफ़ा'अत मांगना शेख़ अबू जाफर तुसी अपनी किताब मिस्बाह में फरमाते हैं की इमाम हसन-बिन-अल-अस्करी (अ:स) ने यह दुआ अबू मुहम्मद के आग्रह पर उस समय लिखी जब उन्हों ने इमाम ...
जिन विषयों के बारे में वह्हाबियों ने अत्यधिक हो हल्ला मचाया है उनमें से एक ईश्वर के प्रिय बंदों से तवस्सुल या अपने कार्यों के लिए उनके माध्यम से ईश्वर से सिफ़ारिश करवाना ...
इस्लाम ने बातचीत में एवं व्यवहार में हमेशा अपने अनुयाइयों से नम्रता एवं भद्रता का आहवान किया है और अभद्रता एवं अशिष्टता से रोका है। इस लिए कि इस्लाम की यह शिक्षा जीवन में ...
वहाबी समुदाय का वैचारिक संस्थापक इब्ने तैमिया एकेश्वरवाद के संबंध में विभिन्न आस्था रखता है जो कभी तो मुसलमानों की आस्थाओं से भिन्न होती है और कभी विरोधाभास रखती है। ...
हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम को भी ग़दीर का उतना ही ख़्याल था जितना की अल्लाह को, और उस साल बहुत सारी क़ौमें और क़बीलें हज के सफ़र पर निकले ...
हमारा अक़ीदह है कि पैग़म्बरे इस्लाम के असहाब में बहुत से लोग बड़े फ़िदाकार बुज़ुर्ग मर्तबा व बाशख़्सियत थे। क़ुरआने करीम व इस्लामी रिवायतों में उनकी फ़ज़ीलतो का ज़िक्र ...
आज 15 रजब पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम की नवासी और हज़रत अली व हज़रत फ़ातेमा अलैहिमस्सलाम की सुपुत्री हज़रत ज़ैनब सलामुल्लाह अलैहा की ...
इस्लामी संस्कृति व सभ्यता, मानव इतिहास की सबसे समृद्ध सभ्यताओं में से एक है। यद्यपि इस संस्कृति में, जो इस्लाम के उदय के साथ अस्तित्व में आई, बहुत अधिक उतार-चढ़ाव आए हैं ...
आज, जिस इंसान ने अपने लिए ऐशो आराम के तमाम साज़ो सामान मुहिय्या कर लिए हैं, वह उसी इंसान की नस्ल से है जो शुरु में गुफ़ाओ और जंगलों में ज़िन्दगी बसर करता था और जिसको चारों ...
इक्कीस रमज़ान की भोर का समय, न्याय की स्थाप्ना तथा अत्याचार को मिटाने के लिये अपने तन, मन, धन को दांव पर लगाने वाले मानव इतिहास के महापुरूष एवं सूरमा हज़रत अली(अ) की शहादत का ...
ज़ियारत व दर्शन का इस्लाम में विशेष स्थान है और वह मुसलमानों के निकट एक अच्छा कार्य है। मुसलमान शफ़ाअत अर्थात प्रलय के दिन सिफारिश/ तवस्सुल अर्थात सहारा व माध्यम और भले ...