अफ़ग़ानिस्तान से अमरीकी सैनिकों की वापसी

अफ़ग़ानिस्तान से अमरीकी सैनिकों की वापसी

अमरीका के राष्ट्रपति बाराक ओबामा ने देश की जनता को वचन दिया है कि अफ़ग़ानिस्तान से अमरीकी सैनिकों की वापसी आरंभ होगी। ओबामा ने कहा कि जुलाई महीने से दस हज़ार सैनिकों की वापसी का क्रम आरंभ हो जाएगा तथा अगले ग्रीष्मकाल तक 33 हज़ार अमरीकी सैनिक स्वदेश लौट आएंगे।

अमरीका के राष्ट्रपति बाराक ओबामा ने देश की जनता को वचन दिया है कि अफ़ग़ानिस्तान से अमरीकी सैनिकों की वापसी आरंभ होगी। ओबामा ने कहा कि जुलाई महीने से दस हज़ार सैनिकों की वापसी का क्रम आरंभ हो जाएगा तथा अगले ग्रीष्मकाल तक 33 हज़ार अमरीकी सैनिक स्वदेश लौट आएंगे। ओबामा ने दस वर्ष के परिणामहीन अफ़ग़ानिस्तान युद्ध के बाद एसे समय में यह घोषणा की है कि ओबामा की लोकप्रियता केवल तीस प्रतिशत रह गई है और 70 प्रतिशत अमरीकी नागरिक ओबामा की कार्यशैली से अप्रसन्न हैं और ओबामा को 2012 में चुनाव लड़ना है। टीकाकारों का मानना है कि ओबामा भी भलीभांति जानते हैं कि चुनाव जीतने के लिए अफ़ग़ानिस्तान के संबंध में कोई बड़ा क़दम उठाना होगा। यह एक सच्चाई है कि अफ़ग़ानिस्तान युद्ध से अमरीका को कुछ प्राप्त नहीं हो सका। उसने यह युद्ध करके अलक़ायदा का विनाश करने की ठानी थी और उसने तालेबान को युद्ध में हराने की बात कही थी किंतु ज़मीनी सच्चाई यह है कि न अलक़ायदा का अंत हुआ है और न ही तालेबान को पराजित किया जा सका है। अमरीका ने ओसामा बिन लादेन की हत्या करने में सफलता की बात कही है किंतु यह पूरी घटना बहुत संदिग्ध है और अमरीका का मानना है कि बिन लादेन की हत्या का अर्थ अलक़ायदा का अंत नहीं है क्योंकि यह संगठन आज भी बड़े आक्रमण में सक्षम है। कुल मिलाकर इस युद्ध में अमरीका के हाथ कुछ भी नहीं लगा है। वह केवल अफ़ग़ान जनता की अशांति और असुरक्षा बढ़ाने तथा अपनी आर्थिक समस्याओं को और अधिक जटिल बनाने के अतिरिक्त कुछ प्राप्त नहीं कर सका। आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे अमरीका को न्यूयार्क टाइम्ज़ की रिपोर्ट के अनुसार अफ़ग़ानिस्तान युद्ध में 118 अरब 60 करोड़ डालर का भारी खर्च उठाना पड़ा है।

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