पैग़म्बरे इस्लाम सल्लाहो अलैहि व आलेही की सुपुत्री हज़रत फातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा की शहादत का दुःख़द दिन है जिसके दृष्टिगत हमने उनके जीवन से संबंधित कुछ पहलुओं पर ...
ईश्वर और उसकी प्रार्थना में लीन उसके फ़रिश्तों का सलाम हो फ़ातेमा पर! फ़ातेमा जो लोक परलोक की सब से महान महिला, स्वर्ग की महिलाओं की सरदार और पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो ...
तारीख़ के सफ़हात पर ऐसे सरफ़रोशों की कमी नहीं जिन के जिस्म को तो वक्त के ज़ालिमों और जल्लादों ने क़ैदी तो कर दिया लेकिन उन की अज़ीम रुह, उन के ज़मीर को वह क़ैदी बनाने से आजिज़ ...
17 रबियुल अव्वल सन् 83 हिजरी की पूर्व संध्या थी। अरब की तपती हुई रेत ठंडीs हो चुकी थी। हवा के हल्के हल्के झोंके पुष्प वाटिकाओं से खुशबूओं को उड़ा कर वातावरण को सुगन्धित कर रहे ...
उलामा ए इस्लाम के दरमियान मोहकम और मुतशाबेह के मआनी में बहुत ज़्यादा इख़्तिलाफ़ मौजूद है और उन मुख़्तलिफ़ अक़वाल में तहक़ीक़ से इस मसले के बारे में तक़रीबन बीस अक़वाल मिल ...
हिजरी क़मरी वर्ष के बारहवें महीने ज़िलहिज्जा की 15 तारीख़ पैग़म्बरे इस्लाम के पौत्र इमाम अली नक़ी अलैहिस्सलाम का जन्मदिन है। हम ईश्वर के आभारी हैं कि उसने हमें यह अवसर ...
हिजरी क़मरी कैलेन्डर के अनुसार तीन जमादिस्सानी को पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम की सुपुत्री हज़रत फ़ातेमा अलैहस्सलाम की शहादत का दिन है। इस अवसर पर ...
इमाम हसन अलैहिस्सलाम ने अपनी ज़िंदगी, इस्लामी इतिहास के संवेदनलशील हिस्से में गुज़ारी है। इमाम हसन अलैहिस्सलाम ने अपनी ज़िंदगी में केवल 48 वसंत देखे लेकिन इस कम अवधि में ...
ज़ैनब, शहीदों के ख़ून का संदेश लानी वाली, अबा अब्दिल्लाहिल हुसैन (अ) की क्रांति की सूरमा, अत्याचारियों और उनके हामियों को अपमानित करने वाली, सम्मान, इज़्ज़त, लज्जा, सर ...
वह लोग सीसा पिलाई हुई दिवार की तरह हैं। सूरः ए सफ़ आयत न. 5 नहजुल बलाग़ा में हज़रत अली अलैहिस्लाम का यह क़ौल नक़्ल हुआ हैं- يوم لک و يوم عليک एक रोज़ तुम्हारे हक़ में और दूसरा ...
संभव है कि किसी के दिमाग़ में यह सवाल उठे कि आख़िर क्यों चेहलुम के दिन इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की ज़ियारत को इतना अधिक महत्व दिया गया है? आख़िर क्यों हमें इस दिन को इतने ...
हज़रत अली अलैहिस्सलाम के वीर पुत्र हज़रत अब्बास के शुभ जन्मदिवस पर आप सबकी सेवा में बधाई प्रस्तुत करते हैं। जब हम आस्था, वीरता और निष्ठा के उच्च शिखर की ओर देखते हैं तो ...
अब से कुछ दिन में ही इमाम रिज़ा (अ) का जन्मदिवस आने वाला और और यह महीना मख़सूस है इमाम रिज़ा (अ) के लिए इसी के देखते हुए हम अपने प्रिय पाठकों के लिए आपके कुछ पवित्र और ...
हमारा अक़ीदह है कि वह दर्दनाक हादसे जो इस दुनिया में वाक़े होते हैं (जैसे ज़लज़ला, आसमानी या ज़मीनी बलाऐं वग़ैरह)वह कभी अल्लाह की तरफ़ से सज़ा के तौर पर होते हैं जैसे जनाबे ...