अब से कुछ दिन में ही इमाम रिज़ा (अ) का जन्मदिवस आने वाला और और यह महीना मख़सूस है इमाम रिज़ा (अ) के लिए इसी के देखते हुए हम अपने प्रिय पाठकों के लिए आपके कुछ पवित्र और मार्गदर्शक कथन प्रस्तुत कर रहे हैं आशा है कि पाठक उसको पसन्द करेंगे
1- मोमिन की निशानियाँ
हज़रत इमाम रिज़ा (अ) ने कहा कि कोई भी उस समय तक वास्तविक मोमिन नही बन सकता जब तक वह अल्लाह, रसूल व इमामों की सुन्नत को न अपना ले। और अल्लाह की सुन्नत अपने मर्म को छुपाना, रसूल की सुन्नत लोगों का सत्कार व उनके साथ विनम्रता पूर्वक व्यवहार करना, तथा इमामों की सुन्नत विपत्तियो व कठिनाईयों पर सब्र (धैर्य रखना) करना है।
2- छिपकर पुन्य करना
हज़रत इमाम रिज़ा (अ) ने कहा कि छुपकर पुन्य करने वाले को एक पुन्य के बदले सत्तर पुन्यों का सवाब मिलेगा। तथा बुराईयों को छुपाने वाला मुक्ति पाता है और बुराईयों को प्रकट करने वाला अपमानित होता है
3- स्वच्छता
हज़रत इमाम रिज़ा (अ) ने कहा कि सफ़ाई व पवित्रता पैगम्बरों के सदाचार का भाग है।
4- बड़ा भाई
हज़रत इमाम रिज़ा (अ) ने कहा कि बड़ा भई पिता के समान होता है।
5- दोस्त एवं दुश्मन
हज़रत इमाम रिज़ा (अ) ने कहा कि हर व्यक्ति की बुद्धि उसकी मित्र व अज्ञानता उसकी शत्रु है।
6- आदर एवं सम्मान के साथ नाम लेना
हज़रत इमाम रिज़ा (अ) ने कहा कि अगर व्यक्ति आपके सम्मुख हो तो आदर के लिए उसकी कुन्नियत के साथ बोलो व अगर वह अनुपस्थित हो तो उसका नाम लो।
7- शोर शराबा करना
हज़रत इमाम रिज़ा (अ) ने कहा कि अल्लाह शोर मचाने, सम्पत्ति को नष्ट करने व अधिक प्रश्न करने को पसंद नही करता है।
8- बुद्धि के दस लक्षण
हज़रत इमाम रिज़ा (अ) ने कहा कि एक मुसलमान मे जब तक दस गुण न पायें जायें उसकी बुद्धि पूर्ण नही होती। यह दस गुण इस प्रकार हैं।
1-लोग उससे भलाई की आशा रखते हों।
2-उसके दुष्कृत्यों से सुरक्षित हों।
3-वह दूसरों की थोड़ी भलाई को भी अधिक समझता हो।
4-अपनी अधिक भलाई को भी कम समझता हो।
5-जानकारी ना रखने वालों के अधिक प्रश्न करने से क्रोधित ना होता हो।
6-अपनी पूरी आयु मे ज्ञान प्राप्ती से न थके।
7-अल्लाह के मार्ग मे दरिद्रता को समृद्धता से अधिक प्रियः रखता हो।
8-उसको अल्लाह के मार्ग मे तिरस्कार, अल्लाह के शत्रु के मार्ग मे आदर से अधिक प्रिय हो।
9- उसको गुमनामी प्रसिद्धि होने से अधिक प्यारी हो।
10- इसके बाद इमाम ने कहा कि दसवा गुण भी क्या गुण है। एक व्यक्ति ने प्रश्न किया कि वह दसवा गुण क्या है आपने उत्तर दिया कि दसवा गुण यह है कि जिसको भी देखे कहे कि यह मुझ से अधिक अच्छा व मुझ से अधिक अल्लाह से डरने वाला है।
9- ईमान, पारसाई और विश्वास
हज़रत इमाम रिज़ा (अ) ने कहा कि इमान इस्लाम से एक श्रेणी ऊपर है। तथा तक़वा इमान से एक श्रेणी ऊपर है। व मनुष्य को कोई भी वस्तु विश्वास से अधिक उच्च प्रदान नही की गयी है।
10- विवाह भोज (वलीमा)
हज़रत इमाम रिज़ा (अ) ने कहा कि विवाह के अवसर पर भोज देना सुन्नत कार्यों मे से एक है।