पुस्तक का नामः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन
लेखकः आयतुल्लाह अनसारियान
ईश्वर की फैली हुई दया एवं कृपा की छाया मे जीवन व्यतीत करने वाले प्राणियो की लम्बाई, चौड़ाई तथा उनके आकार के अनुसार कोई भी व्यक्ति उनकी गणना करने की शक्ति नही रखता।
परन्तु इसी ब्रह्मांड के एक भाग मे जिस मे यह मनुष्य कुच्छ दिनो को अतिथि है तथा इसके लिए जो आशीष (नियामते) प्रदान की गई है अथवा आकाश से उतरने वाली नियामतो से लाभ उठाता है यदि उनको ज्ञान की दृष्टि से देखा जाए ताकि उसका एक मामूली नज़ारा कर सकते है तत्पश्चात ईश्वर की फैली हुई दया का अर्थ समझ मे आएगा तथा यह बात भी स्पष्ट हो जाएगी कि वास्तव मे यह कितनी महान हक़ीक़त और आश्चर्यजनक हक़ीक़त है?!
ब्रह्मांड की सभी वस्तुए महीन महीन बेक्टेरिया BACTERIA तथा सूक्ष्म वायरस VIRUS जो एक हज़ार मिलिमीटर से छोटे है से लेकर बड़े बड़े सौर मंण्डलो और सितारो तक जो करोड़ो किलोमीटर से भी अत्यधिक दूरी पर स्थित है सभी वस्तुए सूक्ष्म कण ITOM से मिलकर बनी है।