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Thursday 26th of December 2024
Masoumeen
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करबला..... दरसे इंसानियत

करबला..... दरसे इंसानियत
उफ़ुक़ पर मुहर्रम का चाँद नुमुदार होते ही दिल महज़ून व मग़मूम हो जाता है। ज़ेहनों में शोहदा ए करबला की याद ताज़ा हो जाती है और इस याद का इस्तिक़बाल अश्क़ों की नमी से होता है ...

फातेमा बिन्ते असद का आज दिलबर आ गया

फातेमा बिन्ते असद का आज दिलबर आ गया
फातेमा बिन्ते असद का आज दिलबर आ गयामोमिनो खुशियॉ मनाओ अपना रहबर आ गया इन्नमा की ले के मोहरे इस्मते परवरदिगारमुत्तलिब का पोता और ज़हरा का शौहर आ गया अज़दहे को चीरने, ...

हदीसे ग़दीर को छिपाने वाले

हदीसे ग़दीर को छिपाने वाले
बाज़ रिवायात के मुताबिक़ हज़रत अमीरुल मोमिनीन (अ) ने एक मजमे असहाब से कहा कि जो लोग ग़दीर में मौजूद थे और उन्होने हदीसे ग़दीर को सुना है वह खड़े हों और इस मजमे के सामने गवाही ...

सबसे अच्छा भाई

सबसे अच्छा भाई

इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैंः तुमहारा सबसे अच्छा भाई वह है जो तुम्हारी ग़ल्तियों को भुला दे और तुम्हारे उपकार को हमेशा याद रखे।

सुन्नियों की पुस्तकें और फ़ातेमा ज़हरा (स) की महानता

सुन्नियों की पुस्तकें और फ़ातेमा ज़हरा (स) की महानता
रसूले की इकलौती बेटी और इमामत एवं रिसालत को मिलाने वाली कड़ी, वह महान महिला जिसकों सारी दुनियां की औरतों का सरदार कहा गया, रसूल जिसका इतना सम्मान करते थे कि आपने उनकी ...

अमीरूल मोमिनीन हज़रत अली अ.ह

अमीरूल मोमिनीन हज़रत अली अ.ह
13 रजब को अमीरूल मोमिनीन हज़रत अली अलैहिस्सलाम का शुभ जन्म हुआ, आप पैगम्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलिही वसल्लम के चचाज़ाद भाई हैं और वह इसी नुबूव्वत की छाया में पले बढ़े ...

आशूरा का पैग़ाम, इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की ज़बानी

आशूरा का पैग़ाम, इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की ज़बानी
इमाम हुसैन अ.स. का करबला में आ कर ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने का कारण इस्लामी समाज में पैदा की गई वह गुमराहियां और बिदअतें थीं जिसकी बुनियाद सक़ीफ़ा में रखी गई थी, जिसके ...

मुआविया के युग में आंदोलन न करना

मुआविया के युग में आंदोलन न करना
 इमाम-ए-हुसैन अलैहिस्सलाम की ग्यारह साला इमामत की अवधि में (49 से 60 हिजरी तक) जिसमें मुआविया हुकूमत कर रहा था, आपके और उसके बीच बहुत ज़्यादा तनाव था जिनमें से कुछ अवसरों को ...

मुहब्बते अहले बैत के बारे में अहले सुन्नत का नज़रिया

मुहब्बते अहले बैत के बारे में अहले सुन्नत का नज़रिया
अब्दुल क़ाहिर बग़दादी जो पाँचवीं सदी में अहले सुन्नत के एक बुज़ुर्ग आलिम थे उन्हों ने अहले बैत अलैहिमुस्सलाम से मुहब्बत के बारे में अहले सुन्नत के नज़रिये को इस तरह ब्यान ...

हक़ निभाना मेरे हुसैन का है,

हक़ निभाना मेरे हुसैन का है,
हक़ निभाना मेरे हुसैन का है,दिल ठिकाना मेरे हुसैन का है।  जिसके साये में कायनात है सब,ऐसा नाना मेरे हुसैन का है।  जबसे घर में मेरे सजे है अलम,आना-जाना मेरे हुसैन का ...

इमाम मूसा काज़िम (अ.ह.) की ज़िंदगी पर एक नज़र।

इमाम मूसा काज़िम (अ.ह.) की ज़िंदगी पर एक नज़र।
 इमाम मूसा काज़िम (अ.ह.) ने विभिन्न अत्याचारी शासकों के दौर में ज़िंदगी बिताई। आपका युग, परिस्थितियों के हिसाब से बहुत दुखद और कठिनाइयों एंव दम घुट जाने वाला दौर था। हर आने ...

दुनिया के 3 करोड़ के सबसे बड़े और भव्य जुलूस का पश्चिमी मीडिया द्वारा बाईकॉट।

दुनिया के 3 करोड़ के सबसे बड़े और भव्य जुलूस का पश्चिमी मीडिया द्वारा बाईकॉट।
इराक़ में इमाम हुसैन अ. के चेहलुम के अवसर पर दुनिया के सबसे बड़े और भव्य जुलूस के समाचार के महत्व के बावजूद हमें देखने को मिल रहा है कि पश्चिमी मीडिया चेहलुम से सम्बंधित ...

अली के शियों की विशेषता।

अली के शियों की विशेषता।
इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम फ़रमाते हैं कि अली अलैहिस्सलाम के शिया वह लोग हैं जो अपने भाईयों, बंधुओं को ख़ुद पर प्राथमिकता देते हैं चाहे उन्हें कितनी ही ज़रूरत क्यों न ...

हज़रत फ़ातिमा ज़हरा स. की कुछ हदीसें।

हज़रत फ़ातिमा ज़हरा स. की कुछ हदीसें।
हदीस (1) हज़रत फ़ातिमा ज़हरा स. फ़रमाती हैंः "अगर रोज़ेदार, रोज़े की हालत में अपनी ज़बान, अपने कान और आँख और बदन के दूसरे हिस्सों की हिफ़ाज़त न करे तो उसका रोज़ा उसके लिए ...

इमाम अली नक़ी (अ.) की ज़िंदगी पर एक संक्षिप्त नज़र।

इमाम अली नक़ी (अ.) की ज़िंदगी पर एक संक्षिप्त नज़र।
इमाम अली नक़ी (अ.) ने इस्लामी अहकाम के प्रसारण व प्रकाशन और जाफ़री मज़हब के प्रचार के लिए महत्वपूर्ण क़दम उठाये। और हमेशा लोगों को धार्मिक तथ्यों से अवगत करने में ...

इमाम बाक़िर अ.स. अहले सुन्नत की निगाह में

इमाम बाक़िर अ.स. अहले सुन्नत की निगाह में
इब्ने हजर हैसमी जो अहले सुन्नत के कट्टरपंथी उल्मा में से हैं वह इमाम बाक़िर अ. के बारे में लिखते हैं कि, अबू जाफ़र मोहम्मद बाक़िर अ. का उपनाम (उपाधि) बाक़िर है जिसका मतलब ...

अमीरुल मोमिनीन अली अलैहिस्सलाम का जीवन परिचय व आपकी विशेषताऐं

अमीरुल मोमिनीन अली अलैहिस्सलाम का जीवन परिचय व आपकी विशेषताऐं
आपका नाम अली व आपके अलक़ाब अमीरुल मोमेनीन, हैदर, कर्रार, कुल्ले ईमान, सिद्दीक़,फ़ारूक़, अत्यादि हैं। आपके पिता हज़रतअबुतालिब पुत्र हज़रत अब्दुल मुत्तलिब व आपकी माता ...

13 रजब, अमीरूल मोमिनीन हज़रत अली अलैहिस्सलाम का शुभ जन्मदिवस

13 रजब, अमीरूल मोमिनीन हज़रत अली अलैहिस्सलाम का शुभ जन्मदिवस
13 रजब को अमीरूल मोमिनीन हज़रत अली अलैहिस्सलाम का शुभ जन्म हुआ, आप पैगम्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहे व आलिही वसल्लम के चचाज़ाद भाई हैं और वह इसी नुबूव्वत की छाया में पले बढ़े ...

इमाम हसन अ स की हदीसे

इमाम हसन अ स की हदीसे
इल्म हासिल करो और अगर उसे याद न कर सको तो लिख लो और अपने घरो मे महफूज़ रखो।هَلاكُ الْمَرْءِ فى ثَلاث: اَلْكِبْرُ، وَالْحِرْصُ، وَالْحَسَدُ; فَالْكِبْرُ هَلاكُ الدّينِ،، وَبِهِ لُعِنَ إبْليسُ. وَالْحِرْصُ عَدُوّ ...

कर्बला में औरतों की भूमिका।

कर्बला में औरतों की भूमिका।
अबनाः कर्बला वालों की शहादत और रसूले इस्लाम स.अ के अहलेबैत को बंदी बनाये जाने के दौरान औरतों ने अपनी व़फादारी, त्याग व बलिदान द्वारा इस्लामी आंदोलन में वह रंग भरे हैं जिनकी ...