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Monday 11th of December 2023
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?क़ुरआन मे रसूल के किस दुश्मन की नाम लेकर बुराई की गई है

?क़ुरआन मे रसूल के किस दुश्मन की नाम लेकर बुराई की गई है


?क़ुरआन मे रसूल के किस दुश्मन की नाम लेकर बुराई की गई है

जवाब- अबुलहब की।

 

मौत की आग़ोश में जब थक के सो जाती है माँ

मौत की आग़ोश में जब थक के सो जाती है माँ
मौत की आग़ोश में जब थक के सो जाती है माँ तब कहीं जाकर ‘रज़ा‘ थोड़ा सुकूं पाती है माँ   फ़िक्र में बच्चे की कुछ इस तरह घुल जाती है माँ नौजवाँ होते हुए बूढ़ी नज़र आती है माँ   रूह के ...

क़ुरआन पर ज़ेर ज़बर पेश किसने लगाये?

क़ुरआन पर ज़ेर ज़बर पेश किसने लगाये?

क़ुरआन पर ज़ेर ज़बर पेश किसने लगाये?

जवाब- हज़रत अली अलैहिस्सलाम के शागिर्द अबु असवद दौइली ने।

 

सवालः क्या बच्चों के सलाम का जवाब देना वाजिब है?

सवालः क्या बच्चों के सलाम का जवाब देना वाजिब है?
सवालः क्या बच्चों के सलाम का जवाब देना वाजिब है? जवाबः अच्छे बुरे की पहचान रखने वाला बच्चे चाहे वह लड़के हों या लड़कियाँ औरतों और मर्दों की तरह़ उनके सलाम का जवाब देना भी ...

इस्राईल का रासायनिक व जैविक हथियारों का उत्पादन

इस्राईल का रासायनिक व जैविक हथियारों का उत्पादन
फ़िलिस्तीनियों की अलयौम वेबसाइट ने एक रहस्योदघाटन में इस्राईल के मानवता विरोधी क़दम से पर्दा हटाया है। इस रिपोर्ट के अनुसार इस्राईल, अपनी एक गुप्त एकेडमी में जैविक ...

?सूर-ए- दहर किन की मदह में नाज़िल हुआ?

?सूर-ए- दहर किन की मदह में नाज़िल हुआ?

?सूर-ए- दहर किन की मदह में नाज़िल हुआ?

जवाब- सूर-ए- दहर अहलेबैत की मदह में नाज़िल हुआ।

 

सबसे पहली वही कब नाज़िल हुई ?

सबसे पहली वही कब नाज़िल हुई ?

सबसे पहली वही कब नाज़िल हुई ?

जवाब- 27 रजब को।

 

नक़ली खलीफा 2

नक़ली खलीफा 2
हमने बताया था कि एक रात हारून रशीद ने अपने वज़ीर जाफ़र बरमक्की और मसरूर के साथ भेस बदलकर शहर में निकलने का इरादा किया ताकि लोगों के हालात से अवगत हो सके। जब वे दजला नदी पर ...

नकली खलीफा 5

नकली खलीफा 5
हमने कहा था कि एक रात को हारून रशीद ने अपने वज़ीर जाफ़र बरमकी के साथ भेस बदलकर शहर घुमने का फैसला किया। उनके साथ तलवार चलाने में दक्ष मसरूर नामक व्यक्ति भी था। हारून रशीद इस ...

इस्लाम में नज़्म व निज़ाम की अहमियत

इस्लाम में नज़्म व निज़ाम की अहमियत
इस्लाम नज़्म व इन्ज़ेबात का दीन है। क्योंकि इस्लाम की बुनियाद इंसान की फ़ितरत पर है और इंसान का वुजूद नज़्म व इन्ज़ेबात से ममलू है इस लिए ज़रूरी है कि इंसान के लिए जो दीन व ...

दिक़्क़त

दिक़्क़त
ا वाय हो मुझ पर, काश फ़लाँ शख़्स को मैंने अपना दोस्त न बनाया होता। (सूरा ए फ़ुरक़ान आयत न. 28 ) इंसान की कुछ परेशानियाँ, उसके अपने इख़्तियार से बाहर होती हैं जैसे सैलाब व तूफ़ान ...

सब लोग मासूम क्यों नहीं हैं?

सब लोग मासूम क्यों नहीं हैं?
सब लोग मासूम क्यों नहीं हैं?ग़ज़ाली एहयाउल क़ुलूब के रजा (आशा) के भाग में लिखते हैं कि इब्राहीम अदहम का कहना है कि एक बार रात के समय मैं ख़ुदा के घर काबे का तवाफ़ कर रहा था, और ...

सहीफ़ए सज्जादिया का परिचय

सहीफ़ए सज्जादिया का परिचय
सहीफ़ए सज्जादिया जिसे, उख़्तुल क़ुरआन यानी क़ुरआने मजीद की बहन कहा जाता है इमाम ज़ैनुल आबेदीन अ. की वह दुआएं हैं जो आपने अपनी पूरी ज़िन्दगी ख़ास तौर से कर्बला के बाद पैंतीस ...

आयतल कुर्सी का तर्जमा

आयतल कुर्सी का तर्जमा
2.255: ख़ुदा ही वो ज़ाते पाक है कि उसके सिवा कोई माबूद नहीं (वह) ज़िन्दा है (और) सारे जहान का संभालने वाला है उसको न ऊँघ आती है न नींद जो कुछ आसमानो में है और जो कुछ ज़मीन में है (गरज़ सब ...

ईरान ने की बान की मून से म्यान्मार में तुरंत हस्तक्षेप की मांग

ईरान ने की बान की मून से म्यान्मार में तुरंत हस्तक्षेप की मांग
संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के स्थाई प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून से म्यान्मार में अल्पसंख्यक मुसलमानों के जातीय सफाए को रुकवाने के लिए तुरंत क़दम ...

दुआए अहद

दुआए अहद
इमाम जाफर अल-सादिक़ (अ:स) से नकल हुआ है की जो शख्स चालीस रोज़ तक हर सुबह इस दुआए अहद तो पढ़े तो वोह इमाम (अ:त:फ) के मददगारों में से होगा और अगर वो इमाम (अ:स) के ज़हूर के पहले मर जाता है ...

सबसे पहले किस सूरे की आयतें नाज़िल हुईं ?

सबसे पहले किस सूरे की आयतें नाज़िल हुईं ?

सबसे पहले किस सूरे की आयतें नाज़िल हुईं ?

जवाब- सूर-ए- अलक़ की पहली सात आयतें।

 

नज़्म व ज़ब्त

नज़्म व ज़ब्त
  हज़रत अली (अ.) नो फ़रमायाः मैं तुम्हे तक़वे और नज़्म की वसीयत करता हूँ। हम जिस जहान में ज़िन्दगी बसर करते हैं यह नज़्म और क़ानून पर मोक़ूफ़ है। इसमें हर तरफ़ नज़्म व निज़ाम ...

मक्की सूरे किन सूरों को कहा जाता है ?

मक्की सूरे किन सूरों को कहा जाता है ?
मक्की सूरे किन सूरों को कहा जाता है ? जवाब- जो सूरे हिजरत से पहले नाज़िल हुए उनको मक्की कहा जाता है चाहे वह किसी भी मक़ाम पर नाज़िल हुए ...

नेक बातों की पैरवी करते हैं।

नेक बातों की पैरवी करते हैं।
नेक बातों की पैरवी करते हैं। “फ़बश्शिर इबादि * अल्लज़ीना यसतमिऊना अलक़ौलाफ़ यत्तबिऊना अहसनहु[68]” यानी मेरे बन्दों को ख़ुशख़बरी दो,उन बन्दो को जो बातों को सुन कर उन में नेक ...