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Monday 25th of November 2024
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सबसे पहली वही कब नाज़िल हुई ?

सबसे पहली वही कब नाज़िल हुई ?

सबसे पहली वही कब नाज़िल हुई ?

जवाब- 27 रजब को।

 

दीन के कामिल होने का ऐलान किस आयत में हुआ है?

दीन के कामिल होने का ऐलान किस आयत में हुआ है?

दीन के कामिल होने का ऐलान किस आयत में हुआ है?
जवाब- सूर-ए- मायदा आयत न. 3

क़ुरआन पर ज़ेर ज़बर पेश किसने लगाये?

क़ुरआन पर ज़ेर ज़बर पेश किसने लगाये?

क़ुरआन पर ज़ेर ज़बर पेश किसने लगाये?

जवाब- हज़रत अली अलैहिस्सलाम के शागिर्द अबु असवद दौइली ने।

 

मौत की आग़ोश में जब थक के सो जाती है माँ

मौत की आग़ोश में जब थक के सो जाती है माँ
मौत की आग़ोश में जब थक के सो जाती है माँ तब कहीं जाकर ‘रज़ा‘ थोड़ा सुकूं पाती है माँ   फ़िक्र में बच्चे की कुछ इस तरह घुल जाती है माँ नौजवाँ होते हुए बूढ़ी नज़र आती है माँ   रूह के ...

सब लोग मासूम क्यों नहीं हैं?

सब लोग मासूम क्यों नहीं हैं?
सब लोग मासूम क्यों नहीं हैं?ग़ज़ाली एहयाउल क़ुलूब के रजा (आशा) के भाग में लिखते हैं कि इब्राहीम अदहम का कहना है कि एक बार रात के समय मैं ख़ुदा के घर काबे का तवाफ़ कर रहा था, और ...

?क़ुरआन मे रसूल के किस दुश्मन की नाम लेकर बुराई की गई है

?क़ुरआन मे रसूल के किस दुश्मन की नाम लेकर बुराई की गई है


?क़ुरआन मे रसूल के किस दुश्मन की नाम लेकर बुराई की गई है

जवाब- अबुलहब की।

 

इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च धार्मिक नेता से विभिन्न देशों के राष्ट्रपतियों की मुलाकात

इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च धार्मिक नेता से विभिन्न देशों के राष्ट्रपतियों की मुलाकात
आतंकवाद के विरूद्ध वैश्विक संघर्ष के अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आरंभ कल तेहरान में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के संदेश से हुआ। यह सम्मेलन आतंकवाद से संघर्ष के बारे ...

मक्की सूरे किन सूरों को कहा जाता है ?

मक्की सूरे किन सूरों को कहा जाता है ?
मक्की सूरे किन सूरों को कहा जाता है ? जवाब- जो सूरे हिजरत से पहले नाज़िल हुए उनको मक्की कहा जाता है चाहे वह किसी भी मक़ाम पर नाज़िल हुए ...

दुआ-ऐ-मशलूल

दुआ-ऐ-मशलूल
सैय्यद इब्ने तावूस ने अपनी किताब मह्जूले-दावत में हज़रत इमाम हुसैन (अ:स) से रिवायत की है के आप फरमाते हैं की एक शब् मै अपने पदरे बुज़ुर्गवार आली मश्दार हज़रत अली इब्ने अबी ...

भोर में उठने से आत्मा को आनन्द एवं शान्ति प्राप्त होती है

भोर में उठने से आत्मा को आनन्द एवं शान्ति प्राप्त होती है
माहे रमज़ान के पवित्र महीने में कुछ विशेष क्षण होते हैं। इन विशेष क्षणों में सबसे सुंदर क्षण सहर अर्थात भोर के समय के होते हैं। बड़े खेद के साथ कहना पड़ता है कि वर्तमान जीवन ...

आयतल कुर्सी का तर्जमा

आयतल कुर्सी का तर्जमा
2.255: ख़ुदा ही वो ज़ाते पाक है कि उसके सिवा कोई माबूद नहीं (वह) ज़िन्दा है (और) सारे जहान का संभालने वाला है उसको न ऊँघ आती है न नींद जो कुछ आसमानो में है और जो कुछ ज़मीन में है (गरज़ सब ...

दुआए अहद

दुआए अहद
इमाम जाफर अल-सादिक़ (अ:स) से नकल हुआ है की जो शख्स चालीस रोज़ तक हर सुबह इस दुआए अहद तो पढ़े तो वोह इमाम (अ:त:फ) के मददगारों में से होगा और अगर वो इमाम (अ:स) के ज़हूर के पहले मर जाता है ...

सबसे पहले किस सूरे की आयतें नाज़िल हुईं ?

सबसे पहले किस सूरे की आयतें नाज़िल हुईं ?

सबसे पहले किस सूरे की आयतें नाज़िल हुईं ?

जवाब- सूर-ए- अलक़ की पहली सात आयतें।

 

सवालः क्या बच्चों के सलाम का जवाब देना वाजिब है?

सवालः क्या बच्चों के सलाम का जवाब देना वाजिब है?
सवालः क्या बच्चों के सलाम का जवाब देना वाजिब है? जवाबः अच्छे बुरे की पहचान रखने वाला बच्चे चाहे वह लड़के हों या लड़कियाँ औरतों और मर्दों की तरह़ उनके सलाम का जवाब देना भी ...

?सूर-ए- दहर किन की मदह में नाज़िल हुआ?

?सूर-ए- दहर किन की मदह में नाज़िल हुआ?

?सूर-ए- दहर किन की मदह में नाज़िल हुआ?

जवाब- सूर-ए- दहर अहलेबैत की मदह में नाज़िल हुआ।

 

नक़ली खलीफा 4

नक़ली खलीफा 4
पुराने समय की बात है, एक रात हारून रशीद ने अपने मंत्री जाफ़र बरमकी और प्रसिद्ध तलवार चलाने वाले मसरूर के साथ वेष बदल कर शहर जाने का फ़ैसला किया ताकि लोगों की स्थिति को निकट ...

हिजाबे आज़म

हिजाबे आज़म
इंसान का वह मुहिम तरीन हिजाब क्या है जो लिक़ाउल्लाह की राह में माने है ?   यह बात यक़ीन के साथ कही जा सकती है कि ख़ुद ख़वाही (फ़क़त अपने आप को चाहना), ख़ुद बरतर बीनी(अपने आप को ...

ग़लतियों का इज़ाला

ग़लतियों का इज़ाला
इस के बाद इस बात की मंज़िल है कि हम यह जानें कि मासूम के अलावा तमाम इंसान ख़ाती हैं और उनसे बहुत सी ग़लतियाँ सर ज़द होती हैं। इस मंज़िल पर अहम बात यह है कि इंसान अपनी ग़लतियों ...

नेक बातों की पैरवी करते हैं।

नेक बातों की पैरवी करते हैं।
नेक बातों की पैरवी करते हैं। “फ़बश्शिर इबादि * अल्लज़ीना यसतमिऊना अलक़ौलाफ़ यत्तबिऊना अहसनहु[68]” यानी मेरे बन्दों को ख़ुशख़बरी दो,उन बन्दो को जो बातों को सुन कर उन में नेक ...

इस्लाम में नज़्म व निज़ाम की अहमियत

इस्लाम में नज़्म व निज़ाम की अहमियत
इस्लाम नज़्म व इन्ज़ेबात का दीन है। क्योंकि इस्लाम की बुनियाद इंसान की फ़ितरत पर है और इंसान का वुजूद नज़्म व इन्ज़ेबात से ममलू है इस लिए ज़रूरी है कि इंसान के लिए जो दीन व ...