हज़रत ईसा अ. का आसमान से उतरना जहाँ पश्चिमियों और दुनिया भर के ईसाईयों को इस्लाम से क़रीब करेगा और मुसलमानों व ईसाईयों में सुलह और समझौते का कारण बनेगा वहीं इमाम महदी अ.ज. ...
अबनाः ग़ैबते कुबरा के ज़माने में उम्मत का सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य इमामे ज़माना अलैहिस्सलाम की पहचान हासिल करना है और यह इतना महत्वपूर्ण है कि पैग़म्बर स. ने फ़रमायाःمن مات ...
इन्तेज़ार के विभिन्न अर्थ व मअनी वर्णन किये गए हैं, लेकिन इस शब्द पर गौर व फिक्र के ज़रिये इसके अर्थ की वास्तविक्ता तक पहुँचा जा सकता है। इन्तेज़ार का अर्त किसी के लिए आँखे ...
हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम के ज़हूर के बाद जिस अदालत का वादा किया गया है, वह इतने बड़े पैमाने पर है कि दुनिया की हुकूमतें ऐसी अदालत क़ायम करने में सामर्थ नही है।अदालत, ...
दज्जाल दजल लफ़्ज़ से बना है और दजल के मअना फ़रेब हैं। उसका असली नाम साइफ़ बाप का नाम आइद और माँ का नाम कातेहा उर्फ़ क़तामा है। वह पैग़म्बरे इस्लाम (स.) के ज़माने में तीहा नामी ...
हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम का परिचयनाम व अलक़ाबहज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम का नाम हज़रत पैगम्बर(स.) के नाम पर है। तथा आपकी मुख्य़ उपाधियाँ महदी मऊद, इमामे अस्र, ...
आज १५ शाबान का शुभ अवसर है। सन २५५ हिजरी क़मरी में १५ शाबान को हज़रत इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम की फूफी जनाब हकीमा उनके घर आयीं ताकि अपने परिजनों से भेंट करें। जनाब हकीमा जब ...
ह़ज़रत हुज्जत अलैहिस्सलाम की क़ियामगाह ह़ज़रत हुज्जत अलैहिस्सलाम की क़ियामगाह के बारे में जो क़ौल मुसल्लम व ना क़ाबिले तरदीद है वह यह है कि आप हर साल ह़ज के मौसम में ...
अल्लामा तबरिसी बहवाला-ए-मुहम्मद बिन याक़ूब कुलैनी लिखते है कि इस्हाक़ बिन याक़ूब ने बज़रिये मुहम्मद बिन उस्मान अमरी हज़रत इमाम महदी (अ0) की ख़िदमत में एक ख़त इरसाल ...
मासूम इमामों की हदीसों और रिवायतों में ज़हूर का इन्तेज़ार करने वालों की बहुत सी ज़िम्मेदारियों का वर्णन हुआ हैं। हम यहाँ पर उन में से कुछ महत्वपूर्ण निम्न लिखित ...
हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम के वुजूद, ग़ैबत, तूले उम्र और आपके ज़हूर के बाद तमाम अदयान के एक हो जाने से मुताअल्लिक़ 94 आयतें क़ुरआने मजीद में मौजूद हैं। जिनमें से अकसर को ...
इमाम महदी अज. और उनके ज़ुहूर का विश्वास और अक़ीदा केवल शियों का अक़ीदा नहीं है बल्कि अहले सुन्नत भी इसे मानते हैं। अंतर यह है कि अधिकतर सुन्नी कहते हैं कि अभी उनका जन्म नहीं ...
मुनासिब मालूम होता है कि उन सुफ़रा के अस्मा भी दर्ज कर दिये जायें जो नव्वाबे ख़ास के ज़रिये और सिफ़ारिश से इमाम के हुक्म से मुमालिके महरूसा मख़सूसा में इमाम अलैहिस्सलाम का ...
अल्लामा अरबी लिखते हैं कि ज़मानए नियाबत में बाद हुसैन बिन रौह अबुल क़ासिम, क़ौलाया हज के इरादे से बग़दाद गये और वह मक्के मोअज़्जमा पहुँच कर हज करने का फ़ैसला किये हुए थे। ...
विभिन्न रिवायतों से यह नतीजा निकलता है कि लोगों में ग़ुरबत के एहसास के न होने की वजह यह होगी कि उनके यहाँ क़नाअत का एहसास पाया जाता होगा। दूसरे शब्दों में यूँ कहा जाये कि इस ...
हमारे समाज में बहुत सी ईदें आती हैं जैसे ईद उल फि़त्र, ईदे क़ुरबान, ईदे मुबाहिला और ईदे ज़हरा वग़ैरह, यह सारी ईदें किसी वाकेए की तरफ़ इशारा करती हैं।ईद उल फि़त्रः पहली ...
हज़रत ईसा अ. का आसमान से उतरना जहाँ पश्चिमियों और दुनिया भर के ईसाईयों को इस्लाम से क़रीब करेगा और मुसलमानों व ईसाईयों में सुलह और समझौते का कारण बनेगा वहीं इमाम महदी अ.ज. से ...
?अक्सर उलमा -ए- इस्लाम इमाम महदी अलैहिस्सलाम के वजूद को तसलीम करते हैं। इसमें शिया और सुन्नी का कोई सवाल नहीं। हर फ़िर्क़े के उलमा मानते हैं कि आप पैदा हो चुके हैं, और मौजूद ...