वह दुआएं जिनका वुज़ू के वक़्त पढ़ना मुस्तहब है। 270 वुज़ू करने वाले इंसान की नज़र जब पानी पर पड़े तो यह दुआ पढ़े- बिस्मिल्लाहि व बिल्लाहि व अलहम्दु लिल्लाहि अल्लज़ी जअला अल ...
मोहम्मद बिन अब्दुल वह्हाब ने कई शताब्दियों के बाद इब्ने तय्मिया के भ्रष्ठ विचारों का प्रचार करना आरंभ कर दिया। इन्ने तयमिया के भ्रष्ठ, ग़लत और फूट डालने वाले विचारों को ...
आज पैग़म्बरे इस्लाम (स) के नाती इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का शुभ जन्म दिवस है। आज ही के दिन अर्थात तीन शाबान सन चार हिजरी क़मरी को हज़रत अली अलैहिस्सलाम और हज़रत फ़ातेमा ...
अनुवादकः सैय्यद ताजदार हुसैन ज़ैदी
प्रिय पाठकों हम आपके सामने पैग़म्बर की इकलौती बेटी वह बेटी जिसे आपने अम्मे अबीहा कहा , वह बेटी जो सारे संसार की औरतों की सरदार हैं, वह ...
सैय्यद ताजदार हुसैन ज़ैदी
क़ासिम इमाम हसन बिन अली (अ) के बेटे थे और आप की माता का नाम “नरगिस” था मक़तल की पुस्तकों ने लिखा है कि आप एक सुंदर और ख़ूबसरत चेहरे वाले नौजवान थे ...
जैसा कि हमने पिछले कार्यक्रम में उल्लेख किया कि ईश्वर के बारे में वहाबियों का यह विश्वास कि ईश्वर भौतिक विशेषताओं का स्वामी है, क़ुराने मजीद और पैग़म्बरे इस्लाम (स) के ...
मुस्लिम समाज विश्व का दूसरा सब से बड़ा धार्मिक समाज है जो डेढ़ अरब जनसंख्या के साथ विस्तृत हो रहा है। वर्तमान युग में और नये अंतर्राष्ट्रीय परिवर्तनों के दृष्टिगत, ...
अमेरिका और सऊदी अरब को यमन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के कारण इस देश के लोगों और क्रांतिकारियों की कड़ी प्रतिक्रिया का सामना है। यमन के क्रांतिकारी युवाओं के गठबंधन ...
शाबान की पांच तारीख है। ३८ हिजरी कमरी में शाबान महीने की पांच तारीख को ही पवित्र नगर मदीना में इमाम अली बिन हुसैन अर्थात हुसैन के बेटे अली का जन्म हुआ। ईरानी राजकुमारी ...
पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे वआलेही वसल्लम की पैग़म्बरी की घोषणा की वर्षगांठ के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाईयां स्वीकार कीजिए।
वह एक रहस्यमय ...
वहाबियत की आधारशिला रखने वाले इब्ने तैमिया ने अपने पूरे जीवन में बहुत सी किताबें लिखीं और अपनी आस्थाओं का अपनी रचनाओं में उल्लेख किया है। उन्होंने ऐसे अनेक फ़त्वे दिए जो ...
अंतिम ईश्वरीय दूत की पैग़म्बरी पर नियुक्ति के दसवें वर्ष रमज़ान की दस तारीख़ पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम के साथ एक त्यागी व बलिदानी महिला के पच्चीस ...
अहले हरम की शाम की तरफ़ रवानगी
इतिहास की किताबों में आया है कि "इबने ज़ियाद" ने एक (या कई) दिनों तक कर्बला के शहीदों के सरों को कूफ़ा शहर की गलियों कूचों और महल्लों में ...
आज हज़रत रोक़य्या के बारे में जो प्रसिद्ध है और जो लिखा जाता है वह यह है कि आप इमाम हुसैन (अ) की बेटी थी। और कर्बला के मैदान में आप हुसैनी क़ाफ़िले के साथ थी और इसी क़ाफ़िले ...
इस्लामी गणतंत्र ईरान में जारी इस्लामी रेडियो और टेलीवीजन संघ की आठवीं बैठक के तीसरे और अंतिम दिन कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।इस्लामी रेडियो और टेलीवीजन संघ के ...
उस समय अब्बासी शासक मोतमिद के हाथ में सत्ता थी। वह सोचता या कि इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम को अपने मार्ग से हटाकर वह उनकी याद को भी लोगों के मन से मिटा देगा और वे सदैव के लिए ...
हसद का मतलब होता है किसी दूसरे इंसान में पाई जाने वाली अच्छाई और उसे हासिल नेमतों की समाप्ति की इच्छा रखना। हासिद इंसान यह नहीं चाहता कि किसी दूसरे इंसान को भी नेमत या ...
जब असीरों का क़ाफ़ेला दरबारे इब्ने ज़ेयाद में पहुंचा तो इब्ने ज़ेयाद ने पूछा के वह औरत कौन है जो अपनी कनीज़ों के हमराह एक गोशे में बैठी है? आपने जवाब न दिया उसने दो तीन बार ...
सारी उम्मतों के लिये क़ुरबानी को जाएज़ करने का मक़सद यह था कि वह केवल अल्लाह तआला (जो एक है और उसका कोई सहयोगी नहीं है) के सामने सर झुकाएं और जो कुछ वह हुक्म दे उसी पर अमल ...