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Monday 11th of December 2023
Kalam and Beliefs
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फ़रिशतगाने ख़ुदा

फ़रिशतगाने ख़ुदा
फ़रिशतगाने ख़ुदाफ़रिश्तों के वुजूद पर हमारा अक़ीदह है कि और हम मानते हैं कि उन में से हर एक की एक ख़ास ज़िम्मेदारी है-एक गिरोह पैगम्बरों पर वही ले जाने पर मामूर हैं।एक ...

फ़ज्र के नमाज़ के बाद की दुआऐ

फ़ज्र के नमाज़ के बाद की दुआऐ
  ऐ माबूद! मोहम्मद व आले मोहम्मद पर रहमत नाजिल फ़रमा और हक में इख्तालाफ़ के मकाम पर अपने हुक्म से मुझे हिदायत दे! बेशक तू जिसे चाहे सीढ़ी राह की हिदायत फरमाता ...

शुक्रिये व क़द्रदानी का जज़्बा

शुक्रिये व क़द्रदानी का जज़्बा
शुक्रिये व क़द्रदानी का जज़्बा لئن شكرتم لأزيدنكم अगर तुम ने शुक्र अदा किया तो मैं यक़ीनन नेमतों को ज़्यादा कर दूँगा। सूरः ए इब्राहीम आयत न. 127 इंसान को समाजी एतेबार से एक दूसरे ...

दुआ ऐ सहर

दुआ ऐ सहर
ऐ गमो अन्दोह मे मेरी पनाहगाह या मफज़ई इन्दा कुरबती يَا مَفْزَعِي عِنْدَ كُرْبَتِي ऐ मुश्किलो मे मेरी मदद करने वाले या ग़ौसी इन्दा शिद्दती وَ يَا غَوْثِي عِنْدَ شِدَّتِي मै ...

क़ुरआने करीम की तफ़्सीर के ज़वाबित

क़ुरआने करीम की तफ़्सीर के ज़वाबित
हमारा मानना है कि क़ुरआने करीम के अलफ़ाज़ को उनके लुग़वी व उर्फ़ी मअना में ही इस्तेमाल किया जाये,जब तक आयत में अलफ़ाज़ के दूसरे मअना में इस्तेमाल होने का कोई अक़्ली या ...

तौहीद की क़िस्में

तौहीद की क़िस्में
हमारा अक़ीदह है कि तौहीद की बहुत सी क़िस्में हैं जिन में से यह चार बहुत अहम हैं। तौहीद दर ज़ात यानी उसकी ज़ात यकता व तन्हा है और कोई उसके मिस्ल नही है तौहीद दर सिफ़ात यानी ...

आलमे बरज़ख

आलमे बरज़ख
हमारा अक़ीदह है कि इस दुनिया और आख़ेरत के बीच एक और जहान है जिसे “बरज़ख़” कहते हैं।मरने के बाद हर इँसान की रूह क़ियामत तक इसी आलमे बरज़ख़ में रहती है।“व मिन वराइहिम ...

मुसहफ़े फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाहे अलैहा

मुसहफ़े फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाहे अलैहा
अहलेबैत (अ) से नक़्ल होने वाली रिवायतों में से कुछ रिवायतों में हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाहे अलैहा के मुसहफ़ की बात कही गई है, और एक किताब की आपकी तरफ़ निस्बत दी गई है ...

उसकी ज़ाते पाक नामुतनाही (अपार,असीम)है

उसकी ज़ाते पाक नामुतनाही (अपार,असीम)है
हमारा अक़ीदह है कि उसका वुजूद नामुतनाही है अज़ नज़रे इल्म व क़ुदरत,व अज़ नज़रे हयाते अबदीयत व अज़लीयत,इसी वजह से ज़मान व मकान में नही आता क्योँकि जो भी ज़मान व मकान में होता ...

महासचिव के पद पर बान की मून का पुनः चयन

महासचिव के पद पर बान की मून का पुनः चयन
संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने 63 वर्षीय बान की मून को एक बार फिर पांच वर्षों के लिए राष्ट्र संघ के महासचिव के पद के लिए चुन लिया है। सुरक्षा परिषद के पंद्रह सदस्यों ने भी ...

विश्व समुदाय सीरिया की सहायता करे

विश्व समुदाय सीरिया की सहायता करे
मानवाधिकार की एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था ने सीरिया की जनता को त्वरित सहायता प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया है   मानवाधिकार की एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था ने सीरिया की ...

न वह जिस्म रखता है और न ही दिखाई देता है

न वह जिस्म रखता है और न ही दिखाई देता है
हमारा अक़ीदह है कि अल्लाह आखोँ से हर गिज़ दिखाई नही देता, क्योँ कि आख़ोँ से दिखाई देने का मतलब यह है कि वह एक जिस्म है जिसको मकान, रंग, शक्ल और सिम्त की ज़रूरत होती है,यह तमाम ...

झूठ क्यों नहीं बोलना चाहिए

झूठ क्यों नहीं बोलना चाहिए
आम तौर पर झूठ किसी एक रूहानी कमज़ोरी की वजह से पैदा होता है यानी कभी ऐसा भी होता है कि इंसान ग़ुरबत और लाचारी से घबरा कर, दूसरे लोगों के उसको अकेले छोड़ देने की बुनियाद पर या ...

दीन क्या है?

दीन क्या है?
दीन अरबी शब्द है जिस का मतलब आज्ञापालन, परोतोषिक आदि बताया गया है लेकिन दीन या दीन की परिभाषा होती है इस सृष्टि के रचयता और उसके आदेशों पर विश्वास व उस के प्रति आस्था रखना इस ...

ज़ीक़ाद महीने के आमाल

ज़ीक़ाद महीने के आमाल
 कुरान में जिन महीनो को हुरमत वाले महीने करार दिया गया है, यह इनमें से पहला महीना है, सैय्यद इब्ने तावूस रावी हैं की ज़ीक़ाद में तंगी दूर होने की दुआ कबूल होती है! इस माह में ...

इस्लाम और इँसान की सरिश्त

इस्लाम और इँसान की सरिश्त
हमारा अक़ीदह है कि अल्लाह, उसकी वहदानियत और अंबिया की तालीमात के उसूल पर ईमान का मफ़हूम अज़ लिहाज़े फ़ितरत इजमाली तौर पर हर इँसान के अन्दर पाया जाता हैं। बस पैग़म्बरों ने ...

क़ौमी व नस्ली बरतरी की नफ़ी

क़ौमी व नस्ली बरतरी की नफ़ी
हमारा अक़ीदह है कि तमाम अँबिया-ए- इलाही मख़सूसन पैग़म्बरे इस्लाम (स.) ने किसी भी “नस्ली” या “क़ौमी” इम्तियाज़ को क़बूल नही किया। इन की नज़र में दुनिया के तमाम इँसान बराबर थे ...

क़ज़ा व क़दर अर्थात भाग्य पर विश्वास के प्रभाव

क़ज़ा व क़दर अर्थात भाग्य पर विश्वास के प्रभाव
र्इश्वर के क़ज़ा व क़दर अर्थात र्इश्वर द्वारा निर्धारित भाग्य व सीमा पर विश्वास र्इश्वर की पहचान के महत्वपूर्ण चरण तक मनुष्य को पहुँचाने के साथ ही साथ बौध्दिक रूप से ...

क़रआन व इँसान की माद्दी व मानवी ज़रूरतें

क़रआन व इँसान की माद्दी व मानवी ज़रूरतें
वह तमाम चीज़ें जिन की इंसान को अपनी माद्दी व मानवी ज़िन्दगी में ज़रूरत है उन के उसूल कुरआने करीम में बयान कर दिये गये हैं। चाहे वह हुकूमत चलाने के क़वानीन हों या सियासी ...

बक़्रईद, उस महान क़ुरबानी की याद

बक़्रईद, उस महान क़ुरबानी की याद
आज ज़िलहिज्जा महीने की १० तारीख है। आज इस्लामी जगत में बक़रीद मनाई जा रही है। बकरीद महान ईश्वर की इच्छा के समक्ष नतमस्तक होने की ईद है। बकरीद महान ईश्वर से सामिप्य का उत्सव ...