Hindi
Sunday 19th of May 2024
0
نفر 0

मानव जीवन के चरण 7

मानव जीवन के चरण 7

पुस्तक का नामः दुआए कुमैल का वर्णन

लेखकः आयतुल्लाह अनसारीयान

 

सातवा चरणः तीन झिल्लीयो मे शिशु का लिपटा होना

 

يَخْلُقُكُمْ فى بُطونِ أُمَّهاتِكُمْ خَلْقاً مِن بَعْدِ خَلْق فى ظُلُمات ثَلاث 

 

यख़लोक़ोकुम फ़ी बतूने उम्माहातेकुम ख़लक़न मिन बादे ख़लक़िन फ़ी ज़ोलोमातिन सलासिन[1]

वह तुम्हे तुम्हारी माताओ के पेट से रचना के विभिन्न चरणो से गुजारता है तथा यह सब कार्य तीन अंधेरो मे होता है।

धीरे धीरे शिशु के ऊपर निम्मलिखित तीन प्रकार की झिल्ली पैदा होती है।

1- उल्बीय झिल्ली (एम्नियोटिक झिल्ली) (Amniotic Membrane)

2-  गर्भवष्ट झिल्ली (कोरिओन झिल्ली) (Chorion Membrane)

3- डीसीजूअल झिल्ली (Decidual Membrane)

उल्बीय झिल्ली (एम्नियोटिक झिल्ली) (Amniotic Membrane) उल्बीय अथवा एम्नियोटिक उस झिल्ली को कहते है जो शिशु के बाहरी विकास के कारण पैदा होती है।

गर्भवष्ट झिल्ली (कोरिओन झिल्ली) (Chorion Membrane) गर्भवष्ट झिल्ली उल्बीय झिल्ली के ऊपर होती है जिसके कारण शिशु सुरक्षित रहता है।

डीसीजूअल झिल्ली (Decidual Membrane) यह झिल्ली शिशु के पेट के निकट होती है जो उसकी पाचक प्रणाली से समबंधित होती है जिसके कारण शिशु का आहार पाचन मे आता है तथा यही झिल्ली हवा, प्रकाश एंव पानी और (हल्की) चोट से कोई हानि नही होने देती, और उल्बीय तथा शिशु के बीच पानी होता है जो गर्भवति के पेट पर चोट लगने पर तरल हो जाता है जिसके कारण शिशु को (हल्की) चोट से कोई हानि नही होती।

यह ईश्वर की व्यापक दया है जो सभी के शामिले हाल है, जिसकी एक झलक शिशु के हालात मे देखी जा सकती है।



[1] सुरए ज़ुमर 39, छंद 6

0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

ইমাম সাদিক (আ.) সম্পর্কে সুন্নি ...
बलात्कार रोकने के कुछ उपाय
ईश्वरीय वाणी-५८
अज़ादारी परंपरा नहीं आन्दोलन है 4
ज़ियारते अरबईन की अहमियत
हज़रत इमाम हसन असकरी (अ.स.) के इरशाद
क़ुरआन हमसे नाराज़ है, कहीं यह ...
कर्बला सच्चाई की संदेशवाहक
क्या है मौत आने का राज़
सऊदी अरब में क़ुर्आन का अपमान

 
user comment