इस्लामी गणतंत्र ईरान में जारी इस्लामी रेडियो और टेलीवीजन संघ की आठवीं बैठक के तीसरे और अंतिम दिन कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।
इस्लामी रेडियो और टेलीवीजन संघ के प्रमुख ने कहा है कि इस संघ के आठवें सम्मेलन में इस्लामी मूल्यों पर कटिबद्ध कई चैनलों के अधिकारियों से मुलाक़ात का अवसर मिला है।
इस्लामी रेडियो और टेलीवीजन संघ के अध्यक्ष अब्दुल्लाह क़सीर ने तेहरान में इस संघ के आठवें सम्मेलन के अवसर पर हमारे संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि दुश्मन निरंतर इस्लामी देशों के विरुद्ध साज़िशें कर रहा है, जिसका हमें एकता के साथ मुक़बला करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि दो तरह के षड़यंत्र हो रहे हैं जिनमें प्रथम इस्राइली और अमरीकी षड्यंत्र है, जिसके सहारे वह लोगों पर वर्चस्व प्राप्त करने तथा जनता और सरकारों के बीच मतभेद डालने की कोशिश करते हैं।
उन्होंने कहा कि दूसरा षड़यंत्र वास्तविक इस्लाम को बदनाम करना है और इस काम के लिए तकफ़ीरियों और आतंकवादियों को इस्तेमाल किया जा रहा है और यह संकट हमारे क्षेत्र में फैल चुका है और इससे इस्लाम की बदनामी हो रही है।
इस्लामी रेडियो और टेलीवीजन संघ के अध्यक्ष ने कहा कि ऐसी स्थिति में जबकि हम दुश्मनों के षड्यंत्रों की चपेट में हैं, तेहरान बैठक में, जिसका मुख्य विषय नबीए रहमत आर्थात दयालु पैग़म्बर है, इन षड्यंत्रों को विफल बनाने के लिए क़दम उठाया गया है।
अब्दुल्लाह क़सीर ने इंटरनेट पर इस्लामी रेडियो और टेलीवीजन के महत्व के बारे में कहा कि आज इंटरनेट मीडिया, मीडिया जगत का सबसे महत्पूर्ण साधन है और अंतर्राष्ट्रीय आंकड़ों से पता चलता है कि 60 प्रतिशत लोग इंटरनेट पर समाचार देखते हैं।
इस्लामी रेडियो और टेलीवीजन संघ की उच्च परिषद के प्रमुख ने कहा कि ज़रूरत इस बात की है कि इस संबंध में निवेश किया जाए और पारंपरिक मीडिया अपना रास्ता बदलकर जवानों और समाज के अन्य लोगों की भाषा में अपनी बात कहने की कोशिश करे।
source : abna