भारत की साहित्य अकादमी ने कहा कि नयनतारा सहगल सहित कुछ लेखक अपने पुरस्कारों को वापस लेने के लिए तैयार हो गए हैं, जो उन्होंने देश में असहिष्णुता बढ़ने की बात कहकर लौटा दिए थे।
साहित्य अकादमी के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने कहा कि साहित्य अकादमी ने लेखकों को पुरस्कार वापस भेजना शुरू कर दिया है। उनका कहना था कि नयनतारा सहगल को पहले ही उनका पुरस्कार भेजा जा चुका है। एक और लेखक नंद भारद्वाज भी पुरस्कार वापस लेने के लिए तैयार हो गए हैं। दूसरे लेखकों को भी पुरस्कार भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि अकादमी अक्टूबर में हुई एक बैठक में पारित प्रस्ताव की प्रति भी सभी लेखकों को भेज रही है, जिसमें उल्लेख है कि उसके विधान में सम्मानों को लौटाने का कोई प्रावधान नहीं है।
साहित्य अकादमी ने 23 अक्टूबर को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर राज्य और केंद्र सरकारों से इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने की अपील की थी और लेखकों से ‘बढ़ती असहिष्णुता’ के ख़िलाफ लौटाये गये पुरस्कारों को वापस लेने को कहा था।
ज्ञात रहे कि लेखक एम.एम. कलबुर्गी की हत्या पर साहित्य अकादमी की चुप्पी और दादरी कांड के बाद देश में असहिष्णुता के माहौल के ख़िलाफ पिछले कुछ महीने में करीब 40 लेखकों ने अपने पुरस्कार लौटा दिए थे। कार्यसमिति के बोर्ड के सदस्य कृष्णास्वामी नचिमुथू ने लगभग दो घंटे की बैठक के बाद कहा था कि अकादमी लेखक कलबुर्गी की हत्या की कड़ी निंदा करती है और राज्य तथा केंद्र सरकार से भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने की अपील करती है।(AK)
source : irib