सऊदी अरब के वहाबी मुफ्ती नासिर अलउमर ने अपने ट्वीटर पेज पर एक वीडिया क्लिप जारी की है जिसमें उन्होंने कहा है कि मोहर्रम के महीने में ही सबसे ज़्यादा अंध विश्वास वाले काम होते हैं। नासिर अलउमर ने कहा कि मैंने सोचा कि शिया समुदाय के लोग आशूर के दिन को इमाम हुसैन की शहादत का दिन मानते हैं और इस दिन ग़म मनाते हैं तो फिर अली अ. के शोक दिवस के रूप में क्यों नहीं मनाते।
सऊदी मुफ़्ती का यह वीडिया अमरीकी टीवी चैनल सीएनएन की वेब साइट पर प्रकाशित किया गया जिसके बाद इस बयान पर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
वहाबी मुफ़्ती के सवाल का बहुत से लोगों ने मज़ाक भी उड़ाया क्योंकि उन्होंने यह बयान बिना किसी स्टडी के ही दे दिया है इस लिए कि शिया समुदाय के लोग हज़रत अली अलैहिस्सलाम के शहादत दिवस अर्थात 21 रमज़ान को शोक दिवस के रूप में मनाते हैं इसी प्रकार अन्य इमामों के शहादत दिवस को भी शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है और शोक के कार्यक्रम बहुत बड़े पैमाने पर आयोजित होते हैं।
source : abna24