मुनासिब मालूम होता है कि उन सुफ़रा के अस्मा भी दर्ज कर दिये जायें जो नव्वाबे ख़ास के ज़रिये और सिफ़ारिश से इमाम के हुक्म से मुमालिके महरूसा मख़सूसा में इमाम अलैहिस्सलाम का काम करते और हज़रत की ख़िदमत में हाज़िर होते रहते थे। (1) बग़दाद से हाजिज़, बिलाली, अत्तार (2) कुफ़े से आसमी (3) अहवान से मुहम्मद बिन इब्राहीम बिन मेहरयार (4) हमदान से मुहम्मद इब्ने सालेह
मुनासिब मालूम होता है कि उन सुफ़रा के अस्मा भी दर्ज कर दिये जायें जो नव्वाबे ख़ास के ज़रिये और सिफ़ारिश से इमाम के हुक्म से मुमालिके महरूसा मख़सूसा में इमाम अलैहिस्सलाम का काम करते और हज़रत की ख़िदमत में हाज़िर होते रहते थे।
(1) बग़दाद से हाजिज़, बिलाली, अत्तार
(2) कुफ़े से आसमी
(3) अहवान से मुहम्मद बिन इब्राहीम बिन मेहरयार
(4) हमदान से मुहम्मद इब्ने सालेह
(5) रै से बसामी व असदी
(6) आज़र से क़सम बिन आला
(7) नेशापुर से मुहम्मद बिन शादान
(8) क़सम से अहमद बिन इस्हाक़
(ग़ायत अल मक़सूद जिल्द 1, सफ़ा 120)