अहलेबैत (अ) न्यूज़ एजेंसी अबना: सोशल मीडिया पर रोहिंग्या मुसलमान के नन्हे बच्चे की एक ऐसी तस्वीर प्रकाशित की गई है जिसे देखकर हर इंसान का दिल दुखी हो जाता है।
मोहम्मद नामक यह मासूम बच्चा जिसकी उम्र केवल 16 महीने थी रोहिंग्या मुसलमानों के उस परिवार से संबंध रखता था जो म्यांमार में जारी हिंसा के कारण रोहिंग्या से भागकर बांग्लादेश में शरण लेने के लिए जा रहे थे लेकिन समुद्र की लहरों ने उन्हें समुद्र तक पहुंचने का मौका नहीं दिया और यह बच्चा अपने तीन वर्षीय भाई, माँ और मामा के साथ बांग्लादेश के सीमावर्ती समुद्र में डूब गया।
समुद्र की लहरों ने मानवाधिकारों का दावा करने वालों की अंतरात्माओं को एक बार फिर झिंझोड़ने के लिए इस नन्हे बच्चे के शव को समुद्र के किनारे ले जाकर मुंह के बल लिटा दिया।
मोहम्मद की फ़ोटो और तीन साल पहले के सीरियाई बच्चे '' एलान कुर्दी'' जो अपने माता पिता के साथ शरण लेने के लिए जाते हुए तुर्की के तट पर डूब गया था और तुर्की के तट पर पड़ी उसकी लाश मिली थी उसकी तस्वीर और इस तस्वीर में बहुत समानताएं पाई जाती हैं। सीरियाई बच्चे की फ़ोटो ने भी तीन साल पहले कई मुर्दा ज़मीरों को झिंझोड़ दिया था और यह तस्वीर भी विशेष कर इस्लामी दुनिया को जागरूक करने के लिए काफ़ी है कि अगर म्यांमार में मुसलमान बौद्ध चरंमपंथियों के अत्याचार का शिकार हो रहे हैं दुनिया भर के एक अरब मुसलमान क्यों मूकदर्शक बने हैं।