सैयद हसन नसरुल्लाह नें कहा कि मुसलमानों का कर्तव्य है कि वह आले सऊद की फ़िलिस्तीन के ख़िलाफ़ साज़िशों पर आवाज़ उठाएं
अहलेबैत (अ )न्यूज़ एजेंसी अबनाः प्राप्त सूत्रों के अनुसार सैयद हसन नसरुल्लाह ने विश्व क़ुद्स दिवस पर एक बड़ी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि हज़रत इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह का रमज़ानुल मुबारक के अंतिम शुक्रवार को क़ुदस दिवस के नाम से फ़िलिस्तीन मुद्दे से जोड़ने का मक़सद फ़िलिस्तीन की समस्या को अमर बनाना और उसे हमेशा के लिए ज़िन्दा बनाना था।
सैयद हसन नसरुल्लाह ने कहा कि क़ुद्स दिवस फ़िलिस्तीन की ज़िंदगी का नाम है।और हम ने क़ुद्स दिवस मना कर यह साबित कर दिया है कि फ़िलिस्तीन की जनता अकेली नहीं है। हम उनके दुख दर्द और परेशानी में बराबर से शरीक हैं।
जब तक सभी फ़िलिस्तीनी अपने घरों में वापस नहीं जाएंगे हम भी चैन से नहीं बैठेंगे।
उन्होंने कहा कि अमेरिका और इस्राइल अपने सहयोगी अरब देशों के साथ मिलकर पिछले 70 वर्षों से फ़िलिस्तीन के मामले को दबाने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं। लेकिन यह मुुद्दा दिन प्रतिदिन ही जा रही है। और इस सिलसिले में अमेरिका और उसके सहयोगियों की कोशिशें नाकाम हो गई हैं।
सैयद हसन नसरुल्लाह नें कहा कि मुसलमानों का कर्तव्य है कि वह आले सऊद की फ़िलिस्तीन के ख़िलाफ़ साज़िशों पर आवाज़ उठाएं।