सलाम हो हुसैन पर, सलाम हो कर्बला के असीरों पर, सलाम हो कटे हुए सरों पर, सलाम हो प्यासे बच्चों पर, सलाम हो टूटे हुए कूज़ों पर,
सलाम हो उन थके हुए क़दमों पर जो चेहलुम पर हुसैन की ...
पैग़म्बरे इस्लाम के पौत्र हज़रत इमाम अली रज़ा अलैहिस्सलाम का रौज़ा ईरान के पवित्र नगर मशहद में स्थित है जहां पूरे साल श्रद्धालुओं का तांता बंधा रहता है।
ज़ियारत के लिए ...
इमाम अली ने ये कलेमात सैय्यदतुन निसाइल आलमीन फ़ातेमा ज़हरा (स0) के दफ़्न के मौक़े पर पैग़म्बरे इस्लाम (स0) से राज़दाराना गुफ़्तगू के अन्दाज़ मे कहे थे। सलाम हो आप पर ऐ ख़ुदा के ...
जनाबे फ़ातिमा ज़हरा स. की श्रेष्ठता दिल और आत्मा को इस तरह अपनी तरफ़ खींचती है कि इन्सान की ज़बान बंद हो जाती है। जो भी उनकी श्रेष्ठता और ख़ुदा और उसके रसूल की नज़र में उनके ...
जो कोई भी खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोता है तो खाने के शूरू और बाद में
उसके लिए बरकत होती है और जब तक जीवित रहता है समृद्ध जीवन बिताता है और शारीरिक बीमारियों से दूर ...
आज इमाम हसन असकरी की शहादत का दिन है। 8 रबीउल अव्वल को हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम का शहादत दिवस है। उन्होंने अपनी 28 साल की ज़िन्दगी में दुश्मनों की ओर से बहुत से दुख ...
२० सफर सन् ६१ हिजरी कमरी, वह दिन है जिस दिन हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके वफादार साथियों को कर्बला में शहीद हुए चालिस दिन हुआ था। पूरी सृष्टि चालिस दिन से हज़रत इमाम ...
नाम
आपका नामे नामी अली इब्ने हुसैन था।
उपनाम
आपका लक़ब अकबर था।
माता पिता
हज़रत अली अकबर अलैहिस्सलाम के पिता हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम व आपकी माता हज़रते ...
मामून रशीद के इन्तेक़ाल के बाद जब मोतासिम बिल्लाह ख़लीफ़ा हुआ तो उसने भी अपने अबाई किरदार को सराहा और ख़ानदानी रवये का इत्तेबा किया। उसके दिल में भी आले मौहम्मद की तरफ़ से ...
एक दिन इमाम हसन (अ) घोड़े पर सवार कहीं जा रहे थे कि शाम अर्थात मौजूदा सीरिया का रहने वाला एक इंसान रास्ते में मिला। उस आदमी ने इमाम हसन को बुरा भला कहा और गाली देना शुरू कर ...
8 रबीउल अव्वल को हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम का शहादत दिवस है। उन्होंने अपनी 28 साल की ज़िन्दगी में दुश्मनों की ओर से बहुत से दुख उठाए और तत्कालीन अब्बासी शासक ‘मोतमद’ ...
ख़ानदाने नुबुव्वत का यह चाँद अगर एक तरफ़ आबाई फ़ज़ायल व कमालात का मालिक होने की बेना पर फ़ख्रे अरब है तो दूसरी तरफ़ माँ की अज़मत व जलालत की बेना पर अजम के जाह व हशम का मालिक ...
जनाबे फ़ातिमा ज़हरा स. की श्रेष्ठता दिल और आत्मा को इस तरह अपनी तरफ़ खींचती है कि इन्सान की ज़बान बंद हो जाती है। जो भी उनकी श्रेष्ठता और ख़ुदा और उसके रसूल की नज़र में उनके ...
उफ़ुक़ पर मुहर्रम का चाँद नुमुदार होते ही दिल महज़ून व मग़मूम हो जाता है। ज़ेहनों में शोहदा ए करबला की याद ताज़ा हो जाती है और इस याद का इस्तिक़बाल अश्क़ों की नमी से होता है ...
शादी के अगले दिन जब पैगंबर ने अली (अ.स.) से पूछा:ऐ अली तुमने मेरी बेटी जहरा को कैसा पाया? इमाम ने जवाब दिया, फातिमा अल्लाह की इताअत में सबसे अच्छी मददगार ...
मुतावातिर रिवायात की बिना पर पैग़म्बरे इस्लाम (स.)ने क़ुरआन व अहलेबैत अलैहिमुस् सलाम के बारे में हमें जो हुक्म दिया हैं कि इन दोंनों के दामन से वाबस्ता रहना ताकि हिदायत पर ...
हज़रत अली (अ): तरक़्की के लिए अपने वतन से दूर जाओ और यात्रा करो, इसलिए की यात्रा में पांच लाभ छिपे हुए हैं, मन की ख़ुशी एवं प्रसन्नता, आजीविका की प्राप्ति, ज्ञान एवं अनुभव की ...
यदि मनुष्य का मन पवित्र हो जाए तो उसका व्यवहार मज़बूत हो जाता है।जो बात एक से दो तक पहुंची, उससे सब अवगत हो जाएंगें।कभी भी लोगों की आस्थाओं के बारे में खोजबीन न करो कि इस ...
अरबी शब्दकोषों में शिया शब्द, किसी एक व्यक्ति या अनेक व्यक्तियों का किसी दूसरे का अनुसरण और आज्ञापालन करना, किसी की सहायता व समर्थन करना, तथा कथन या क्रिया में समझौते व ...