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Friday 29th of November 2024
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आव्रत्ति और नेमत की भयावहता

आव्रत्ति और नेमत की भयावहता

लेखक: आयतुल्लाह हुसैन अनसारियान

 

किताब का नाम: तोबा आग़ोशे रहमत

 

आकाश और पृथ्वी की तमाम चीज़े आदमी की सेवा करने के लिए है। सूर्य, चंद्रमा, तारे, अंतरिक्ष मे दर्शनीय एवम अदृश्य प्राणि सब के सब हज़रते हक़ (परमेश्वर) के इरादे व इच्छा से मनुष्य को लाभ पहुचाने के पथ पर है।

पर्वत, रेगिस्तान, समुद्र, वन, बाग़, उद्यान, फ़व्वारे, नदीया, पशु और पृथ्वी के प्रत्येक जीव मे से मानव जीवन की गतिविधियो की स्थापना मे लगा है।

पूर्ण और व्यापक रूप से फैली हुई नेमते इलाही मनुष्य को प्रेम से गले लगाये हुए है, जिस प्रकार एक दयालु नर्स इस जीव के विकास हेतु प्रेम और सहानुभूतिपूर्ण प्रयास करती है।

प्रकट और गुप्त, ज़ाहिर व बातिनी नेमतो मे से जिसकी आदमी को जीवन तालीका के आधार पर आवश्यकता है, व्यापक रूप से फैली हुई नेमतो मे कोई कमी नही है।

क़ुरआने करीम इस संबंध मे बयान करता है:

ألَمْ تَرَوْا أَنَّ اللَّهَ سَخَّرَ لَكُم مَا فِي السَّماوَاتِ وَمَا في الاْرْضِ وَأَسْبَغَ عَلَيْكُمْ نِعَمَهُ ظَاهِرَةً وَبَاطِنَةً . . .(सूरा 31, आयत 20)

क्या तुम नही देखते कि अल्लाह ने जो भी आकाश और पृथ्वी मे बनाया उसे तुम्हारे क़बज़े मे दे दिया, प्रकट और गुप्त नेमतो को तुम्हारे लिए पूर्ण और व्यारक रूप से फ़ैलाने के अलावा बढा दिया...?

जारी

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