लेखक: आयतुल्लाह हुसैन अनसारियान
किताब का नाम: शरहे दुआ ए कुमैल
ईश्वरीय दूत के पवित्र परिवार वालो (अहलेबैत अ.स.) के कथनो मे प्रार्थना के लिए रात्रियो मे सबसे अच्छी एवं उपयुक्त गुरुवार रात्रि को जाना है, और गुरूवार रात्रि के महत्व एवं उसकी महानता को रमज़ान महीने की विशेष रात्रि (शबे क़द्र) के बराबर उल्लेख किया गया है।
धार्मिक नेता एंव दिव्यदृष्टि रखने वाले कहते है कि यदि गुरूवार रात्रि को नमाज़, प्रार्थना, ज़िक्र, क्षमा मांगने मे सुबह कर सकते हो, तो ऐसा करने मे लापरवाही न करो; क्योकि दयालु परमेश्वर, आस्था रखने वाले मनुष्य हेतु आदरता को बढ़ाने के लिए गुरूवार रात्रि मे स्वर्गीयदूतो को पहले आसमान पर भेजता है, ताकि उलकी अच्छाईयो को बढ़ाऐं और पापो को समाप्त करें।
जारी