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Thursday 12th of December 2024
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अशीषो का असंख्य होना 5

अशीषो का असंख्य होना 5

लेखक: आयतुल्लाह हुसैन अनसारियान

किताब का नाम: तोबा आग़ोशे रहमत

 

आशीषो का असंख्य होना भाग 4 मे हमने कुच्छ बाते मिट्टी के बारे मे बताइ थी।  

खाद्य और पेय पदार्थो को अवशोषित करने हेतु मानव प्रतिभा भोजन करने के लिए मुहं, दांत, जीभ, लार ग्रंथियो, ग्रसनी, घेघा, पेट, अग्न्याशय, बड़ी आंत, छोटी आंत और इनमे से प्रत्येक के माध्यम से पाचन और अवशोषण एंव उत्सर्जन गतिविधिया, मानव के लिए परमेश्वर की आशीषो की एक अनूठी योजना है।

रक्त के संशोधन और परिसंचरण का महत्वपूर्ण मुद्दा जो कि धमनियो, नसो, महाधमनी, ह्रदय के दाहीनी और बायी अलिंद एवं निलय, रक्त की लाल और सफ़ेद कोशिकाओ, रक्त की गति, रंग और रचना, शरीर की त्वचा और तापमान, कान और उसके तत्व, नेत्र और उसके वर्गो द्वारा होता है यह परमात्मा की आशीषो की अद्भुत योजना है।         

जारी

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