Hindi
Thursday 28th of November 2024
0
نفر 0

बिस्मिल्लाह से आऱम्भ करने का कारण 4

बिस्मिल्लाह से आऱम्भ करने का कारण 4

पुस्तक का नामः दुआए कुमैल का वर्णन

लेखकः आयतुल्लाह अनसारीयान

 

हमने इस से पहले लेख मे इस बात का स्पष्टीकरण किया था कि बिस्मिल्लाह से आरम्भ करने का एक कारण यह है कि हजरत मुहम्मद के मानने वालो के अच्छे कर्मो का पडला पुनरुत्थान के दिन भारी रहेगा उसके भारी रहने के कारण को पूर्व के लेख मे उल्लेख किया गया है इस लेख मे इस बात का अध्ययन करेगे कि बिस्मिल्लाह अल्लाह के महान नामो मे सबसे महन नाम है।

7. इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम से रिवायत हैः

जिस प्रकार आँख की सियाही उसकी सफेदी से निकट होती है उससे अत्यधिक निकट अल्लाहे के महान नामो मे से  (बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम) है।[1]

निसंदेह यदि प्रार्थना का आरम्भ –विशेषरूप से कुमैल की प्रार्थना- अल्लाह के महान नाम से किया जाए, तो निश्चित रूप से वह प्रार्थना स्वीकार होती है तथा प्रार्थी भी अपनी मांगो के साथ सम्मानित होता है।

बिस्मिल्लाह वह पवित्र शराब है कि जिस समय साक़ी के हाथो पीता है तो उत्साह, आनंद एवं बाहरी खुशी का स्पष्टीकरण करता है तथा अपने प्रेमी की ओर आकर्षित होता है एंव अपने प्रेमी तक पहुँचने के लिए बगैर किसी थकावट के रास्ते को तय करता है।

 

जारी 



[1]  بِسمِ أللہ ألرَّحمٰنِ ألرَّحِیم أقرَبُ إلَی إسمِ أللہِ الأعظَمِ مِن نَاظِرِ العَینِ إلَی بَیَاضِھَا

(बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम अक़रबो एला इसमिल्लाहिल आज़मे मिन नाज़ेरिलऐने एला बयाज़ेहा) अत्तहज़ीब, भाग 2, पेज 289, अध्याय 15, हदीस 15; जामेऊल अख़बार, पेज 42; ओयूने अखबारिर्रज़ा (अ.स.), भाग 2, पेज 5, अध्याय 30, हदीस 11; अलएमाली (सदूक़), पेज 641; बिहारुल अनवार, भाग 90, पेज 223, अध्याय 11, हदीस 4

0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

शरमिन्दगी की रिवायत
तरकीबे नमाज़
तरकीबे नमाज़
दुआए तवस्सुल
क्यों मारी गयी हज़रत अली पर तलवार
वहाबियों और सुन्नियों में ...
नमाज.की अज़मत
नक़ली खलीफा 3
दुआ ऐ सहर
क़ुरआन

 
user comment