![ब्रह्मांड 3 ब्रह्मांड 3](https://erfan.ir/system/assets/imgArticle/2013/04/45510_58814_3.jpeg)
पुस्तक का नामः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन
लेखकः आयतुल्लाह अनसारियान
हमने इस से पूर्व लेख के अंत मे कहा था कि इलैक्ट्रान, परोटान एंव न्यूट्रान मिलकर कण का निर्माण करते है तथा परोटान तथा न्यूट्रान मिलकर एटम केंद्र का निर्माण करते है, तथा इलैक्ट्रान केंद्र के चारो ओर चक्कर लगाता है जिस प्रकार चंद्रमा पृथ्वी के चक्कर लगाता है। इस लेख मे आप इस बात का अध्ययन करेंगे कि क्या कोई व्यक्ति इस ब्रह्मांड मे कणो की गिनती कर सकता है अथवा नही।
जब इस ब्रह्मांड मे मौजूद कणो की कोई गिनती नही कर सकता है तो इस के निर्माण एवं इमारत मे लगी हुई दूसरी वस्तुओ और उनके जन्म की स्थिति के समबंध मे ईश्वर के अलावा कोई भी अवगत नही हैः
مَا أَشْهَدتُّهُم خَلْقَ السَّماواتِ وَالاَرْضِ وَلا خَلْقَ أَنْفُسِهِم
मा अश्हत्तोहुम ख़लक़स्समावाते वल अर्ज़े वला ख़लक़ा अनफ़ोसेहिम[1]
हम ने ना तो इन शयातीन (राकक्षसो), ना धरती और ना आकाश को गवाह बनाया है और ना ही स्वयं उनकी ख़िक़त को।
प्रिय पाठको जिस बात की पुष्टि पवित्र क़ुरआन ने तथा बड़े बड़े विद्वानो ने भी अपनी अपनी रिसर्च के माध्यम से पुस्तको मे उल्लेख किया है कि इस ब्रह्मांड के निर्माण मे काम आने वाला मैटेरियल यह हैः कण, धुआँ तथा गैस जो कि वायु मंडल मे भटक रही थी, परन्तु एक दूसरे से इतनी दूरी पर थे कि कभी कभी एक दूसरे से मिल पाते थेः जैसा कि पवित्र क़ुरआन मे ईश्वर का कथन हैः
ثُمَّ اسْتَوَى إِلَى السَّمآءِ وَ هِىَ دُخانٌ
सुम्मसतवा एलस्समाए व हेया दुख़ानुन[2]
तत्पश्चात हमने आकाश का रुख किया जो कि बिलकुल धुआं था।
इस आकाश को उसने सितारो से इस प्रकार सजाया कि करोड़ो कण एवं गैस बादलो मे परिवर्तित हो गये तथा बादलो के टुक्ड़ो उन कणो को एक केंद्र की ओर आकर्षित करने लगे, अंत मे बादल एक स्थान पर एकत्रित हो गए तथा कण एक दूसरे के समीप हो गए। और जिस समय इन कणो मे रगड उत्पन्न होती है तो गर्मी होने लगती है और कभी कभी इन बादलो मे इतनी अधिक गर्मी उत्पन्न होती है कि जिस के कारण वातावरण के अंधकार मे प्रकाश होने लगता है अंतः करोडो बादल सितारो की शक्ल का चयन कर लेते है जिस के कारण वायु मंडल के अंधेरे मे प्रकाश फ़ैल जाता है तथा आकाश सितारो से जगमगा उठता है।
जारी