पुस्तक का नामः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन
लेखकः आयतुल्लाह अनसारियान
शब्द कोण मे रहमान का अंश रहमत है, नहवी और सरफी महान ज्ञानियो तथा शब्द कोण से अवगत मनुष्य के अनुसार अतिशयोक्ति का सूत्र है जो कि बहुलता को निहितार्थ करता है। धार्मिक विद्वानो तथा दिव्य शिक्षा विशेषज्ञो के अनुसार (सभी प्राणियो पर सामान्य दया, अभूतपूर्व सेवा है) यदि यह कृपा नही होती तो ना अस्तित्व की कोई ख़बर होती और ना ही कमाल के प्रभाव की।
अंतर्दृष्टि रखने वाले लोगो का कहना है किः
रहमान का अर्थ (सभी प्राणियो से बुराई को दूर करने तथा अच्छाई को उन तक पहुचाने का परमेश्वर का इरादा) है।
सभी गुप्त एंव प्रकट आशीष परमेश्वर की कृपा है, और यह कृपा सुरए रहमान की छंदो मे बयान किया गया है।