
त्वचा

- प्रकाशन तिथि: 2013-05-15 22:11:50
- दृश्यों की संख्या: 244
पुस्तक का नामः दुआए कुमैल का वर्णन
लेखकः आयतुल्लाह अनसारीयान
मानव शरीर की त्वचा भी बहुत लाभदायक है जिन मे से कुच्छ की ओर संकेत किया करते है।
1- त्वचा मे बहुत महीन महीन छिद्र होते है जिनके द्वारा सांस लेने का कार्य भी लिया जाता है, यदि यह छिद्र बंद हो जाए तो मानव की मृत्यु हो जाएगी।
2- त्वचा मे बहुत से ग़ुद्दे होते है जिनके कारण पसीना बाहर निकलता है ताकि शरीर का तापमान सामान्य रहे तथा अधिक न होने पाए।
3- त्वचा मे चर्बी के ग़ुद्दे भी होते है जिनके कारण बाल नरम एंव सही रहते है।
4- त्वचा के कारण बहुत से बेक्टेरिया शरीर मे प्रवेश नही कर पाते है।
5- शरीर मे उत्पन्न होने वाला विष (ज़हर) पसीना बनकर त्वचा से बाहर निकलता है, और इस से मानव के गुर्दो को सहायता मिलती है।
6- ग़ुद्दे शरीर के उपयुक्त पानी को निकलने से रोकते है।
7- त्वचा स्पर्श करने वाली भावना (हिस्से लामेसा) का केंद्र होती है जिसके कारण सर्दी, गर्मी, साफ़, नरम, कठोर, मोटा एंव नाज़ुक इत्यादि वस्तुओ का एहसास होता है।
संक्षिप्त रूप मेः मानव की त्वचा भी उन चीज़ो मे से जिन पर ईश्वर की दया है और यदि परमात्मा की दया एंव कृपा न होती तो फ़िर मानव जिसके कारण जीवित है उसके जीवन मे कार्यशीलता तथा लाभदायक परिवर्तन सम्भव ही नही था ।