पुस्तक का नामः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन
लेखकः आयतुल्ला अनसारियान
महोदय अबू सईद खदरी ने हज़रत मुहम्मद सललल्लाहो अलैहे वाआलेहि वसल्लम से रिवायत करते है किः जब पापी विश्वासीयो को नर्क की आग मे ले जाया जाएगा तो वह उनको नही जलाएगी, उस समय ईश्वर स्वर्गदूतो से कहेगाः इन लोगो को मेरी दया एंवम कृपा के कारण स्वर्ग मे प्रवेश कराओ, क्योकि मेरी दया कृपा एंवम एहसान का अथासागर है।
अहलैबेत अलैहेमुस्सलाम से रिवायत है कि जब प्रलय का दिन आएगा तो ईश्वर विश्वासीयो को एक जगह एकत्रित करके कहेगाः तुम पर जो मेरे हुक़ूक़ (अधिकार) थे मै उनको माफ़ करता हूँ तुम भी एक दूसरे के प्रति हुक़ूक़ को माफ़ कर दो ताकि तुम सबको स्वर्ग मे प्रवेश किया जाए।
एक दूसरी रिवायत मे इस प्रकार आया है कि जब प्रलय का दिन आएगा तो विश्वासियो मे से एक विश्वासी को उपस्थित करके उस से कहा जाएगा! हे मेरे बंदे ! तूने मेरी नैमतो को पाप तथा समझसयत मे खर्च किया है, जैसे जैसे मै तुझ पर नैमतो मे वृद्धि करता गया तू पापो मे वृद्धि करता चला गया, उस समय उस व्यक्ति का सर लज्जा (शर्मिंदगी) से झुक जाएगा, ईश्वर एक बार उस से कहेगाः मेरे बंदे अपने सर को ऊपर उठा ले, जिस समय तू पाप करता था मै उसी समय तेरे पापो को क्षमा करता जाता था।
जारी