लेखक: आयतुल्लाह हुसैन अनसारियान
किताब का नाम: शरहे दुआए कुमैल
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· संपन्न के सामने आवश्यकता का कथन प्रार्थना है।
· तंगदस्ती, फ़क़्र और ग़रीबी को ग़नीए मुतलक़ एवम ब्रह्माण्ड के मालिक से बयान करना प्रार्थना है।
· वफादार और करीम से भीख का अनुरोध, कमज़ोर का अटूट क्षमता वाले से सहायता मांगना प्रार्थना है।
· कमज़ोर, ज़लील, मिसकीन बन्दे का रहीम, मेहरबान, हकीम, लतीफ़ और समीए परवरदिगार से मदद मांगना प्रार्थना है।
· पवित्र, बलवान, क्षमादान करने वाले, अद्वितीय और ज्ञानि परमेश्वर के प्रति नम्रता और विनम्रता, ख़ाकसारी और ख़ुशू, इनकेसार और ख़ुज़ू, के इज़हार करना प्रार्थना है।
· महबूबे खुदा, तपस्सवियो का माशूक़, उरुफ़ा की दिव्य द्रष्टि, पीड़ित और ज़रूरतमंदो के दिल की रोशनी, प्रेमियो का रहस्य प्रार्थना है।
जारी
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जारी