लेखक: आयतुल्लाह हुसैन अनसारियान
किताब का नाम: तोबा आग़ोशे रहमत
पवित्र क़ुरआन मनुष्य की रचना (निर्माण, ख़िलक़त) हेतु कहता हैः
وَلَقَدْ خَلَقْنَا الاْنسَانَ مِن سُلاَلَة مِن طِين
वलाक़द ख़लक़नल इन्साना मिन सुलालतिम मिन तीन[1]
हमने इन्सान को शुद्ध मिट्टी के सोत्र से बनाया है।
ثُمَّ جَعَلْنَاهُ نُطْفَةً فِي قَرَار مَّكِين
सुम्मा जाअलनाहु नुतफ़तन फ़ी क़रारिम्मकीन[2]
तत्पश्चात हमने उसके वीर्य को एक आधारित स्थान मे रखा।
ثُمَّ خَلَقْنَا النُّطْفَةَ عَلَقَةً فَخَلَقْنَا الْعَلَقَةَ مُضْغَةً فَخَلَقْنَا الْمُضْغَةَ عِظَاماً فَكَسَوْنَا الْعِظَامَ لَحْماً ثُمَّ أَنشَأْنَاهُ خَلْقاً آخَرَ فَتَبَارَكَ اللَّهُ أَحْسَنُ الْخَالِقِينَ
सुम्मा ख़ल्क़नल नुत्फ़ता अल्क़तन फ़ख़ल्क़नल अल्क़ता मुज़्ग़तन फ़ख़ल्क़नल मुज़्ग़ता एज़ामन फ़कसव्नल एज़ामा लह़मन सुम्मा अनशानाहो ख़ल्क़न आख़ारा फ़तबारकल्लाहु अहसनुल ख़ालिक़ीना[3]
तत्पश्चात हमने वीर्य (नुत्फ़ा) को जमे हुए ख़ुन (अल्क़ा) मे, फ़िर जमे हुए ख़ुन को गोश्त (मीट) के टुक्ड़े मे और उस गोश्त के टुक्ड़े को हडडी मे परिवर्तित किया, और हडडीयो को ऊपर से गोश्त द्वारा ढ़क दिया, तत्पश्चात एक दूसरे प्राणी को बनाया, कितना अच्छा है वह परमेश्वर जो सबसे अच्छा बनाने (ख़ल्क़ करने) वाला है।
जारी