लेखक: आयतुल्लाह हुसैन अनसारियान
किताब का नाम: तोबा आग़ोशे रहमत
इस से पूर्व हमने ह्रदय संबंधित बाते बताइ थी।
इस तथ्य के आधार पर, आक्सीजन, हाइड्रोजन और नाईट्रोजन के परमाणुओ की संख्या एंव मिट्टी बनाने वाले कणो की संख्या, मूल (जड़), तना, डाली और वृक्षो के पत्ते, फ़ल एंव और जो भी आकाश और धरती मे मानव जाति के प्रयोग के लिए है उसमे वृद्धि करे और विचार करे कि संसार की कार्यशाला मे परमेश्वर की जो आशीषे जो मानव जीवन के लिए है क्या वह गणनात्मक है?
यदी आप एक मुठ्ठी मिट्टी को ध्यान पूर्वक देखे, तो पता चलेगा कि यह शुद्ध मिट्टी नही है, अधिकांश मिट्टी खनिजो से मिलकर पत्थर के छोटे छोटे कणो के रूप मे आगयी है। यह सुक्ष्म कण बड़ी चट्टानो का विभाजन है जो कि प्राकृतिक बलो के प्रभाव के अंर्तगत बने है, मिट्टी बहुत से जीवित प्रणीयो को अपने अंदर लिए हुए है, हो सकता है कि एक मुठ्ठी मिट्टी मे लाखो माइक्रोस्कोपिक जीवाणु हो, बैक्टीरिया, मोल्ड और वैशल के अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के पशु मिट्टी मे पाए जाते है, इन जीवित प्राणीयो मे से अधिकांश मिट्टी को छिद्रपूर्ण करके इसे पौधो के विकास के लिए तैयार कर देते है।[1]