पुस्तक का नामः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन
लेखकः आयतुल्लाह अनसारियान
हमने इस के पूर्व लेख मे इस बात का उल्लेख किया था कि ब्रह्मांड की सभी वस्तुए महीन महीन बेक्टेरिया BACTERIA तथा सूक्ष्म वायरस VIRUS जो एक हज़ार मिलिमीटर से छोटे है से लेकर बड़े बड़े सौर मंण्डलो और सितारो तक जो करोड़ो किलोमीटर से भी अत्यधिक दूरी पर स्थित है सभी वस्तुए सूक्ष्म कण ITOM से मिलकर बनी है। इस लेख मे आप इस बात का अध्ययन करेंगे कि कण कितना सूक्ष्म होता है तथा किन चीजो से मिलकर उसका निर्माण होता है।
कण इतना सूक्ष्म होता है कि बड़ी से बड़ी सूक्ष्मदर्शी (माइक्रोस्कोप) के माध्यम से भी दिखाई नही देता है शीर्ष के एक केश मे 55 मिलयन के भीतर मिलयन तथा उसके भीतर मिलयन 55,000,000,000,000,000,000 जौहरी कण होते है यदि उदाहरण के रूप मे इस केश के छोर को एक अत्यधिक बड़े भवन के समान बड़ा करे तो इसका प्रत्येक कण इसके प्रत्येक स्तम्भ पर मख्खी के समान चलता हुआ दिखाई देगा।
तथा यह कण ईश्वर की दया एंव कृपा के आधार पर निम्नलिखित तीन कणो से मिलकर बनता है।
1- इलैक्ट्रान (Electron)
2- परोटान (Proton)
3- न्यूट्रान (Neutron)
तथा इलैक्ट्रान बिजली (Electricity) का एक निगेटिव (Negative) भार है, इसी प्रकार परोटान बिजली (Electricity) का एक पोज़ीटिव (Positive) भार है परन्तु न्यूट्रान पर इलैक्ट्रिसीटी का कोई भार नही होता है।
परोटान तथा न्यूट्रान मिलकर एटम केंद्र का निर्माण करते है, तथा इलैक्ट्रान केंद्र के चारो ओर चक्कर लगाता है जिस प्रकार चंद्रमा पृथ्वी के चक्कर लगाता है।[1]
जारी