Hindi
Thursday 23rd of May 2024
0
نفر 0

क़ातिलाने इमाम हुसैन (अ)

क़ातिलाने इमाम हुसैन (अ)

किताब कामिलुज़ ज़ियारत (शियों की एक मोतबर किताब) में ज़िक्र हुआ है कि जो लोग भी इमाम हुसैन (अ) के क़त्ल में शरीक थे, इन तीन बीमारियों में से एक में ज़रूर फँसेंगें, दीवानगी, बर्स और कोढ़।

 


उसी हदीस में है कि यह बीमारियाँ उनकी नस्ल में भी मुन्तक़िल हुई हैं जैसे उनके बेटे, बेटियाँ, पोते सब इसमें मुब्तला हुए।

 

 

जबकि उनका कोई क़ुसूर नही था और ऐसा नही होना चाहिये था लेकिन हमें यह जानना चाहिये कि यह इत्तेफ़ाक़ क़ातिलाने इमाम हुसैन (अ) के अमल (कर्म) का असरे वज़ई है। जैसे अगर कोई बाप शराबखोर हो तो उसकी नस्ल पर भी असर पड़ता है। अगर बाप बुरा हो तो उसकी नस्ल पर भी असर पड़ता है। यह एक तकवीनी मसला है।

 


उसी किताब में आया है कि तमाम क़ातिलाने इमाम हुसैन (अ) क़त्ल किये गये और कोई भी अपनी मौत से नही मरा। इमाम सादिक़ (अ) फ़रमाते हैं कि उनमें से सब क़त्ल किये गये।

 

लेकिन उनका क़त्ल हो जाना काफ़ी नही है और अल्लाह इतने पर बस नही करेगा इसलिये कि इमाम हुसैन (अ) को अल्लाह ने बहुत ऊचा मक़ाम दे रखा है और ऐसी वारदात के इंतेक़ाम के लिये मौत काफ़ी नही है।

 

यह एक ऐसी बात है जिसका शिया, सुन्नी, ईसाई सब ऐतेराफ़ करते हैं।

0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

इमाम हुसैन (अ.स) के आंदोलन के ...
क्या कुरआन को समझ कर पढना ज़रुरी ...
इमाम हुसैन अ. के कितने भाई कर्बला ...
ख़ुत्बाए फ़ातेहे शाम जनाबे ज़ैनब ...
हदीसे किसा
बिस्मिल्लाह के संकेतो पर एक ...
ईश्वरीय वाणी-४९
दुआए तवस्सुल
आशूरा के पैग़ाम
सूर –ए- माएदा की तफसीर 2

 
user comment