Hindi
Friday 27th of December 2024
0
نفر 0

ब्रह्मांड 7

ब्रह्मांड 7

पुस्तक का नामः दुआए कुमैल का वर्णन

लेखकः आयतुल्लाह अनसारीयान

 

आपने इसके पूर्व लेख मे इस बात का गहरा अध्ययन किया कि पृथ्वी की रचना किस प्रकार हुई तथा इस लेख मे आप को इस बात का अध्ययन करेगे कि पृथ्वी के अतिरिक्त दूसरे ग्रह जो सूर्य के चारो ओर चक्कर लगा रहे है उनकी रचना किस प्रकार हुई।

उसके उपरांत दूसरे ग्रहो ने भी भंवर से निकलना आरम्भ किया तथा अपने मार्ग पर सूर्य के चारो ओर चक्कर लगाना प्रारम्भ किया, बुध ग्रह सूर्य के अत्यधिक निकट था उसके बाद शुक्र, पृथ्वी एंव मंगल थे। तथा मंगल के उस ओर बृहस्पति, शनि और अरूण तथा वरूण जैसे महान ग्रह सूर्य के चारो ओर घूमते थे और वरूण से कुच्छ दूरी पर प्लैटो नाम का ग्रह था।[1]

प्रिय पाठको! यह संसार इतना ही बड़ा है जितना एक सूक्ष्म कण होता है जिस प्रकार मनुष्य एक कण की सीमा तक नही पहुँच सकता उसी प्रकार वह संसार की सीमा तक नही पहुँच सकता है, इसकी सीमा रेखा का तय करना मानव जाति के वश से बाहर है। प्रकाश तीन लाख किलोमीटर प्रति सेकंण्ड आश्चर्यजनक गति के साथ दौड़ता है, तथा इस गति के दृष्टिगत (मद्देनज़र) हमारे निकट सितारे के प्रकाश को हम तक पहुँचने मे चार वर्ष का समय लग सकता है।!!

कालीफ़ोर्निया की एक दूरबीन (Telescope) जिसके लैंस की मोटाई पाँच मीटर है, उसके माध्यम से ऐसे सितारो का पता लगाया गया है जो हम से इतनी दूरी पर स्थित है कि उनके प्रकाश को हम तक पहुँचने मे एक हज़ार मिलयन वर्ष का समय लग सकता है।!!

 

जारी



[1] गुज़िश्ता एवं आयनदाए जहान (सृष्टि का भूत एवं भविष्यकाल), पेज 20-27

0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

हज़रत यूसुफ और जुलैख़ा के इश्क़ ...
हज़रत इमाम सज्जाद अ.स.
रसूले अकरम और वेद
स्वीकृत प्रार्थना
अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली अ. और ...
इस्लाम और सेक्योलरिज़्म
हदीस-शास्त्र
बहरैन नरेश के आश्वासनों पर जनता ...
हजरत अली (अ.स) का इन्साफ और उनके ...
जन्नतुल बकी मे दफ्न शख्सियात

 
user comment