पुस्तकः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन
लेखकः आयतुल्ला अनसारीयान
इसके पूर्व लेख मे घास और उनके आश्चर्यजनक लाभो से संबंधित बाते बताई थी जिनमे कहा गया था कि घास और वनस्पति मे पाये जाने वाले विटामिन और वायु मे पाई जाने वाली आक्सीजन गैस मानव जीवन के लिए कितने लाभदायक है यह गैस श्वसन द्वारा शरीर के विभिन्न भागो मे पहुचकर मानव आहार को जलाकर कामवासना उत्पन्न करना तथा विषयली कार्बन को शरीर से बाहर निकालना आक्सीजन ही का कार्य है। इस लेख मे आपको इस बात का अध्ययन करने को मिलेगा कि 24 घंटे मे एक मनुष्य कितनी मात्रा मे कार्बन छोड़ता है।
सभी जानदार प्राणी वायु से आक्सीजन लेते तथा कार्बन बाहर छौड़ते है।
इस स्थान पर यह प्रश्न होता है किः वायु मे कितनी मात्रा मे आक्सीजन पाया जाता है जो समाप्त नही होता, अंतः वायु मे आक्सीजन की एक निर्धारित मात्रा होगी, जिसके अरबो मनुष्यो एंव पशुओ के श्वसन लेने से उसकी मात्रा मे कमी क्यो नही आती? इसको तो हज़ारो वर्ष पूर्व ही समाप्त हो जाना चाहिए था।!!
24 घंटे मे प्रत्येक मनुष्य अपने फेफड़ो से लगभग 250 ग्राम मात्रा मे कार्बन बाहर छोड़ता है और यदि संसार की जनसंख्या को तीन अरब मान लिया जाए तो एक वर्ष मे सारे मनुष्य 273750000 टन विषयली कार्बन वायु मे छोड़ते है और इतनी ही मात्रा मे पशुओ द्वारा कार्बन वायु मे आता है।
प्रत्येक सेकंण्ड मे इस विषयली कार्बन की मात्रा बढ़ती ही जाती है तो फ़िर यह कहाँ जाता है? यदि वायु मे आक्सीजन तथा कार्बन होता है तो कार्बन की मात्रा अधिक होनी चाहिए थी क्योकि आक्सीजन की तुलना मे कार्बन की मात्रा अधिक होती जा रही है, तो यह मानव और पशु किस प्रकार जीवित है यह मर क्यो नही जाते?
प्रिय पाठको इस प्रश्न का उत्तर हम इसके बाद के लेख मे देंगे।
जारी