पुस्तक का नामः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन
लेखकः आयतुल्लाह हुसैन अंसारीयान
दूसरे छंद मे कहता है।
اللَّهُ الَّذِى خَلَقَ سَبْعَ سمَاوَاتٍ وَ مِنَ الْأَرْضِ مِثْلَهُنَّ يَتَنزَّلُ الْأَمْرُ بَيْنهَنَّ لِتَعْلَمُواْ أَنَّ اللَّهَ عَلىَ كلُ ِّ شىَ ْءٍ قَدِيرٌ وَ أَنَّ اللَّهَ قَدْ أَحَاطَ بِكلُ ِّ شىَ ْءٍ عِلْمَا
अल्लाहुल्लज़ी ख़लाक़ा सबआ समावातिन वामेनल अर्ज़े मिसलाहुन्ना यतानज़्ज़ेलुल अमरो बैनाहुन्ना लेतालमू अन्नल्लाहा अला कुल्ले शैइन क़दीर वा अन्नल्लाहा क़द अहाता बेकुल्ले शैइन इल्मा[1]
ईश्वर ने सात आसमान और उसी के समान सात ज़मीनो को बनाया तथा उसके आदेश निरंतर पारित होते है ताकि यह ज्ञान हो जाए कि ईश्वर हर चीज़ पर शक्ति रखता है और यह कि निश्चितरूप से ईश्वर के ज्ञान ने प्रत्येक चीज़ को घेर रखा है।
ईश्वर की शक्ति के दूसरे उदाहरण, जन्म एंव मृत्यु तथा दूसरी दुनिया मे मरे हुए लोगो का दुबारा ज़िंदा किया जाना है।
لَهُ مُلْكُ السَّمَاوَاتِ وَ الْأَرْضِ يحُىِ وَ يُمِيتُ وَ هُوَ عَلىَ كلُ ِّ شىَ ْءٍ قَدِير
लहु मुल्कुस्समावाते वलअर्ज़े योहयि वयोमीतो वहोवा अला कुल्ले शैइन क़दीर[2]
ज़मीन और आसमान का मालिक वही है वही जीवित करता है तथा वही मारता है और प्रत्येक वस्तु पर उसी का अधिकार है।
जब मानव स्वयं इस महानता एंव गरिमा की कल्पना करता है और ज्ञानी अथवा दार्शनिक तर्को के माध्यम से अल्लाह की अनंत शक्ति का विश्वास कर लेता है तो उसके सामने अपना हाथ फ़ैला देता है। और अपनी आवश्यकता को बताने के लिए ईश्वर को उसकी असीमित शक्ति की सौगंध देता है।
وَ بِقُوَّتِکَ الَتِی قَھَرتَ بِھا کُلَّ شَیء
“वा बेक़ुव्वतेकल्लती क़हरता बेहा कुल्ला शैएन”
[1] सुरए तलाक़ 65, छंद 12
[2] सुरए हदीद 57, छंद 2
पवित्र क़ुरआन के विभिन्न छंद ईश्वर की महानता एंव उसकी शक्ति पर विभिन्न प्रकार से वर्णन करती है निम्नलिखित छंदो के माध्यम से उसकी (महानता एंव शक्ति की) ओर संकेत कर सकते है।
يخَلُقُ مَا يَشَاءُ وَ هُوَ الْعَلِيمُ الْقَدِير
“यख़लोक़ो मायशाओ वहोवल अलीमुलक़दीर” (सुरए रूम 30, छंद 54)
जिसे चाहता है पैदा करता है वह ज्ञानी एंव शक्तिशाली है।
لِلَّهِ مُلْكُ السَّمَاوَاتِ وَ الْأَرْضِ وَ مَا فِيهِنَّ وَ هُوَ عَلىَ كلُ ِّ شىَ ْءٍ قَدِير
“लिल्लाहे मुलकुस्समावाते वलअर्ज़े वमा फ़ीहिन्ना वहोवा अलाकुल्ले शैइन क़दीर” (सुरए मायदा 5, छंद 120)
ज़मीन एंव आसमान तथा जो कुच्छ इनके अंदर है उसके मालिक होने एंव आदेश पारित करने का अधिकार ईश्वर का है, और वह प्रत्येक चीज़ पर कुदरत रखता है।
أَ وَ لَمْ يَرَوْاْ أَنَّ اللَّهَ الَّذِى خَلَقَ السَّمَاوَاتِ وَ الْأَرْضَ قَادِرٌ عَلىَ أَن يخَلُقَ مِثْلَهُم
“अवालम यरो अन्नल्लाहल्लज़ी ख़लाक़स्समावाते वलअर्ज़ा क़ादेरुन अला अय्यख़लोक़ा मिसलहुम” (सुरए इसरा 17, छंद 99)
क्या ज्ञान नही रखते कि जिस ईश्वर ने ज़मीन और आसमान को बनाया है वह (उनके समाप्त होने के पश्चात) उनके समान पैदा करे?
أَ وَ لَمْ يَرَوْاْ أَنَّ اللَّهَ الَّذِى خَلَقَ السَّمَاوَاتِ وَ الْأَرْضَ وَ لَمْ يَعْىَ بخَلْقِهِنَّ بِقَدِرٍ عَلىَ أَن يُحِىَ الْمَوْتىَ بَلىَ إِنَّهُ عَلىَ كلُ ِّ شىَ ْءٍ قَدِير
“अवालम यरो अन्नल्लाहल्लज़ी ख़लाक़स्समावाते वलअर्ज़ा वलम याअया बेखलक़ेहिन्ना बेक़ादेरिन अला अय्योहयेयलमौता बला इन्नहू अला कुल्ले शैइन क़दीर” (सुरए एहक़ाफ़ 46, छंद 33)
क्या ज्ञान नही रखते कि जिस ईश्वर ने ज़मीन और आसमान को बनाया है वह उसके बनाने से थका नही है, वह मृतको को जीवित करने की शक्ति रखता है हां वह हर कार्य करने की क्षमता रखता है।
فَلَا أُقْسِمُ بِرَبّ ِ المْشَارِقِ وَ المْغَارِبِ إِنَّا لَقَادِرُون
“फ़ला उक़सेमो बेरब्बिल मशारिक़े वलमग़ारिबे इन्ना लाक़ादेरून” (सुरए मआरिज 70, छंद 40)
मै पूरब और पश्चिम के पालनहार की सौगंध खाकर कहता हूं कि मै शक्तिशाली हूं।
وَ مَا كاَنَ اللَّهُ لِيُعْجِزَهُ مِن شىَ ْءٍ فىِ السَّمَاوَاتِ وَ لَا فىِ الْأَرْضِ إِنَّهُ كاَنَ عَلِيمًا قَدِيرًا
“वमा कानल्लाहो लेयोजेज़हू मिन शैइन फ़िस्समावाते वला फ़िलअर्ज़े इन्नहू काना अलीमन क़दीरा” (सुरए फ़ातिर 35, छंद 44)
ज़मीन और आसमान की कोई भी वस्तु ईश्वर को मजबूर नही बना सकती निश्चितरूप से वह प्रत्येक वस्तु का ज्ञानी भी है और उस पर शक्ति रखता है।
قُلْ إِنَّ الْفَضْلَ بِيَدِ اللَّهِ يُؤْتِيهِ مَن يَشَاءُ وَ اللَّهُ وَاسِعٌ عَلِيم
“क़ुल इन्नल फ़ज़्ला बेयदिल्लाहे यूतीहे मय्यशाओ वल्लाहो वासेउन अलीम” (सुरए आलेइमरान 3, छंद 73)
ईस्वर दूत आप कह दीजिए कि फ़ज़्लोकरम अल्लाह के हाथ मे जिसे चाहता है उसे प्रदान करता है वह ज्ञानी और व्यापक है।