![वा बेजबारूतेकल्लति गलबता बेहा कुल्ला शैइन वा बेजबारूतेकल्लति गलबता बेहा कुल्ला शैइन](https://erfan.ir/system/assets/imgArticle/2013/09/46047_62172_3.jpeg)
पुस्तक का नामः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन
लेखकः आयतुल्ला हुसैन अंसारीयान
وَبِجَبَرُوتِكَ الَّتِى غَلَبْتَ بِهَا كُلَّ شَىْء...
वा बेजबारूतेकल्लति गलबता बेहा कुल्ला शैइन
जिस क्षमता तथा गरिमा से तूने प्रत्येक वस्तु पर ग़लबा कर रखा है उसके माध्यम से तुझ से विनति करता हूँ।
शब्दकोण मे जबारूत का अर्थ क्षमता, महानता एंव शासन है। रहस्यवादीयो एंव भक्तो के स्वामी ने प्रार्थना के इस टुक्ड़े मे, ईश्वर को जबारूत सिफ़त एंव उसकी महानता जिस से उसने सारी चीज़ो पर ग़लबा किया हुआ है संबोधित किया है, ईश्वर की शक्ति, क्षमता एंव महानता और गरिमा का दूसरा उदाहरण मौजूदा मौजूदात के कमीयो को बहुत सी अशीष तथा दूसरी चीज़ो के माध्यम से उत्तम श्रेणी तथा अधिक मात्रा मे उनकी क्षतिपूर्ति करता है।
प्रारम्भिक दौर मे कोई भी प्राणी उल्लेखनीय नही था उसकी प्रथम तसवीर एक कण ATOME अथवा एक दाने अथवा महत्वहीन शुक्राणु के समान थी, प्रत्येक प्राणी मे कमी थी, ईश्वर की सिफ़ते जबारूत ने सभी कमीयो को पूरा किया ताकि उनको पूर्णतः शक्ल एंव सूरत प्राप्त हो जाए, तथा एक महत्वपूर्ण एंव अपनी असली शक्ल मे जन्म ले।