पुस्तक का नामः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन
लेखकः आयतुल्ला हुसैन अंसारीयान
जब तक फलो के बीजो को बोया ना जाए और भगवान की सिफते जबारूती विभिन्न प्रकार से उसकी कमीयो की क्षतिपूर्ति ना करे तो उस से लाभ नही उठाया जा सकता।
स्वादिष्ट सेब के समबंध मे ध्यानपूर्वक अध्यन करे कि एक दिन यही बीज एक कण की शक्ल मे दुकानदार के यहा था।
जब किसान ने उसे ज़मीन मे डाला तो हवा, प्रकाश, पानी और नमक उसके पास आए, और ईश्वर के इरादे से उसकी कमी को पूरा किया जिसके परिणामस्वरूप एक प्रिय रंग और स्वादिष्ट आहार बन जाता है।
प्रिय पाठको ईश्वर की जबारूती विशेषता से समबंधित अधिक जानकारी के लिए निम्मलिखित बातो का ध्यानपूर्वक अध्यन करें।
सेब के अंदर संक्षिप्त रूप से निम्मलिखित चीज़े पाई जाती है।
नाइट्रोजन यौगिकः (प्रोटीन, एमिनो एसिड, लाइसिन, आर्जिनिन, हिस्टडीन, टाइरोसीन)
खनिज पदार्थः (आयोडीन, पोटेशियम, बरम, फ़ासफ़ोरस, कैलशियम, आयरन, तांबा, सोडियम, सल्फ़र, मैगनेशियम, जिंक, मैनेजियम)
स्टार्च शर्कराः (डेक्सट्रोज, सेल्यूलोज, पेनटोस, स्टार्च)
शुगरः (ग्लूकोज़, फ़रूकतोज़, सेकरोज़)
पेक्टिन पदार्थः (पेक्टिस एसिड, पेक्टिन, पेक्सटिक एसिड, प्रोटोपेक्टिन)
चर्बी एंव एसिडः (मैलिक एसिड, साइट्रिक एसिड, ओक्सालिक एसिड, एस्कॉर्बिक एसिड, लैक्टिक एसिड)
रंगी पदार्थः (एनटोसीनीज़, फ़लावोनीज और क्लोरोफील)
विटामिनः (ए, बी, सी, जी )
एंज़ाइमः (काटालेज़, आक्सिडेज़)
पानीः 84 प्रतिशत
प्रिय पाठको! तनिक ध्यान दे कि जब्बार ईश्वर किस प्रकार एक फल की कमीयो की क्षतिपूर्ति करता है। और यदि दूसरी चीज़ो के भौतिक भाग तथा आध्यात्मिक चीज़ो के कमीयो की क्षतिपूर्ति का उल्लेख किया जाए तो संसार के सारे प्राणीयो के बराबर पृष्ठ भर जाएंगे।!!