मजलिसे उलमाये हिन्द द्वारा आयोजित भारत के विभन्न राज्यों के अनेक शहरों में अन्तर्राष्ट्रीय क़ुद्दस दिवस के अवसर पर अमरीका और इस्राईल के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया गया।
मजलिसे उलमाये हिन्द द्वारा आयोजित 10 जुलाई 2015 को नमाज़े जुमा के बाद लखनऊ में बड़े इमामबाड़े पर अन्तर्राष्ट्रीय क़ुद्दस दिवस मनाया गया, जिसमें हज़ारों मुसलमानों ने भाग लिया। मुसलमानों ने अपने पहले क़िबले बैतुल मुक़द्दस की सुरक्षा और मस्जिदे अक़्सा की स्वतंत्रता के लिए अमरीका और इस्राईल के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जारी आतंकवाद की भी कड़ी निंदा की।
जुमे की नमाज़ के बाद भारी संख्या में प्रदर्शनकारी, इस्राईल और अमरीका के ख़िलाफ़ लिखे हुए प्लेकार्ड और बैनर हाथों में लिए हुए जुलूस के रूप में बड़े इमामबाड़े के प्रवेष द्वार पर पहुंचे। प्रदर्शनकारी अमरीका, इस्राईल और सऊदी अरब के ख़िलाफ़ नारे लगा रहे थे।
इस अवसर पर भारत के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू और इमामे जुमा लखनऊ मौलाना कल्बे जव्वाद नक़वी ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए इस बात पर खेद जताया कि आज पूरी दुनिया में मुसलमानों का नरसंहार हो रहा है जिस पर विश्व भर के मानवअधिकार संगठन चुप्पी साधे हुए हैं।
मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि शिया व सुन्नी दोनों ही अमरीका, इस्राईल और तकफ़ीरी वहाबी गुटों के आतंकवाद का शिकार हैं। मौलाना ने कहा कि हम अन्तर्राष्ट्रीय क़ुद्दस दिवस इसलिए मनाते हैं ताकि मज़लूमों का समर्थन हो और अन्याय का विरोध किया जाए।
मौलाना ने कहा कि वह शिया हो ही नहीं सकता जो अत्याचार पर चुप रहे, उन्होंने कहा कि शिया हमेशा अन्याय का विरोधी और अत्याचारग्रस्त का समर्थक होता है।
इमामे जुमा लखनऊ ने बल देकर कहा कि मुसलमानों की एकता ही इस्राईल और अमरीका की मौत है। मौलाना कल्बे जव्वाद नक़वी ने कहा कि शिया व सुन्नी अगर विश्व स्तर पर एकजुट हो जाएं तो इस्राईल और अमरीका दम तोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि इस्लाम दुश्मन ताक़तों की पूरी कोशिश यही होती है कि मुसलमानों में किसी भी तरह एकता उत्पन्न न होने पाए। यह साम्राज्यवादी शक्तियां, मुसलमानों की एकता को ख़त्म करने की पूरी कोशिश कर रही हैं।
मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने कहा कि रसूले इस्लाम (स) ने कहा है कि मज़लूम का समर्थन करो चाहे वह अजनबी ही क्यों न हो और ज़ालिम का विरोध करो चाहे वह तुम्हारा क़रीबी रिश्तेदार ही क्यों न हो। प्रर्दषनकारियों ने फिलिस्तीनियों के समर्थन में नारे लगाये और अमरीका व इस्राईल के अत्याचार के ख़िलाफ़ इन दोनों देशों के राष्ट्र ध्वजों को जलाया।
विरोध प्रदर्शन में मौलाना तसनीम मेहदी ज़ैदपुरी, मौलाना अमीर हैदर, मौलाना फ़राज़ नक़वी, मौलाना हबीब हैदर, मौलाना अली अब्बास ख़ान, मौलाना शबाहत हुसैन, मौलाना रज़ा हुसैन मौलाना ज़व्वार हुसैन, मौलाना फ़ीरोज़ हुसैन, मौलाना शबाब हैदर और अन्य कई मुस्लिम धर्मगुरू उपस्थित रहे। विरोध प्रदर्शन के बाद भारत के प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया।
ज्ञापन के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं।
फ़िलिस्तीन की जनता को न्याय दिलवाया जाए, सरकारी स्तर पर फ़िलिस्तीनी जनता की आर्थिक सहायता की जाए, भारत सरकार यमन में संघर्ष विराम के लिए उचित क़दम उठाए, केन्द्र सरकार कुवैत में आतंकवादी हमले में शहीद हुए युवाओं के परिवार की आर्थिक सहातया करे। भारत सरकार इस्राईल से संबंधित अपनी विदेश नीति पर पुनर्विचार करे।
मज्लिसे ओलमाए हिंद ने तकफ़ीरी आतंकवादियों की कार्यवाहियों की कड़े शब्दों में निंदा की है।
source : abna