ईरान सहित विश्व के अनेक देशों में मोहर्रम मनाया जा रहा है। ईरान के सभी शहरों और गांवों में आठ मोहर्रम की मजलिसें हुईं और जुलूस निकाले गए।
तेहरान में इमाम ख़ुमैनी इमाम बारगाह में मजलिस हुई जिसमें इस्लामी क्रान्ति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनई ने भी भाग लिया। हुज्जतुल इस्लाम काज़िम सिद्दीक़ी ने मजलिस पढ़ी जिसमें उन्होंने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के आंदोलन के लक्ष्यों और विशेषताओं को बयान किया। उन्होंने कहा कि त्याग और बलिदान इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के आंदोलन की प्रमुख विशेषता है। हुज्जतुल इस्लाम काज़िम सिद्दीक़ी ने कहा कि इमाम हुसैन का आदोलन, वास्तव में पैग़म्बरे इस्लाम के आंदोलन की ही एक कड़ी है।
पवित्र नगर महशद और क़ुम में भी पहली मोहर्रम से ही मजलिसों का सिलसिला जारी है। ईरान के ज़न्जान शहर में आठ मोहर्रम का भव्य जुलूस निकाला गया जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
इराक़ के पवित्र नगरों नजफ़, कर्बला, कूफ़ा, काज़मैन और सामर्रा में भी बड़े पैमाने पर अज़ादारी हो रही है और इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके साथियों की याद में मजलिसों का आयोजन किया गया है। कर्बला में जहां इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके साथियों को शहीद किया गया था, विश्व भर से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का तांता बंधा हुआ है। भारत और पाकिस्तान में भी मोहर्रम मनाया जा रहा है।
source : irib