भारत की राजधानी दिल्ली में सऊदी अरब के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू शहीद शेख़ बाक़िर निम्र के चालीसवें के कार्यक्रम के अवसर पर हज़ारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।2 जनवरी 2016 को सऊदी अरब शासन ने वरिष्ठ शिया धर्मगुरू शहीद बाक़िर निम्र का गला काट कर उनको मौत के घाट उतार दिया था। उनके चालीसवें के कार्यक्रम के अवसर पर रविवार को भारत की राजधानी दिल्ली में हज़ारों लोगों ने सऊदी शासन के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के लिए रविवार को पूरे भारत से प्रदर्शनकारी, दिल्ली के जोरबाग स्थित शाहे मरदां में एकत्रित हुए थे।
इस कार्यक्रम का आयोजन मजलिसे ओलमाए हिन्द की ओर से किया गया था। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिया-सुन्नी मुसलमानों के धर्मगुरूओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया।
इसका नेतृत्व भारत के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू और मजलिसे ओलमाए हिन्द के महासचिव मौलाना सय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने किया। अपने संबोधन में मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने कहा की सऊदी अरब का ज़ुल्म अपने अन्तिम पड़ाव पर है। उन्होंने कहा कि आले सऊद ने कभी भी सलमान रुश्दी के ख़िलाफ़ फ़त्वा नहीं दिया, कभी आतंकवाद के ख़िलाफ़ फ़त्वा नहीं दिया लेकिन अमरीका के दूतावास पर हमले को हराम क़रार दे रखा है। उन्होंने कहा की ज़ुल्म और आतंकवाद कहीं भी हो उसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना हर मुसलमान का फ़र्ज़ है।
इस सिलसिले में दिल्ली के अतिरिक्त मुम्बई, बैंगलूरू, चेन्नई और हैदराबाद जैसे महानगरों में भी विरोध प्रदर्शन किया गया।
दिल्ली हाई कोर्ट के वकील महमूद पराचा ने कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कहा की सऊदी अरब में राजशाही सरकार है, जो भी वहां लोकतंत्र के लिए आवाज़ उठाता है उसको देशद्रोह के आरोप में मौत के घाट उतार दिया जाता है।
मजलिसे ओलमाए हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मोहसिन तक़वी ने कहा कि सऊदी अरब पूरी दुनिया में आतंकवाद को फन्डिंग कर रहा है और इससे इस्लाम बदनाम हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुसलमानो को चाहिए कि सऊदी अरब के असली चेहरे को पहचाने और दुनिया तक उसकी हक़ीक़त पहुंचाए।
दिल्ली में हुए शहीद शेख़ बाक़िर निम्र के चालीसवे के कार्यक्रम के बाद हज़ारों लोगों ने सऊदी अरब के ख़िलाफ़ जमकर नारे बाज़ी की। कार्यक्रम के बाद सैकड़ों की संख्या में शिया-सुन्नी धर्मगुरुओं ने एक ज्ञापन राष्ट्र संघ को भेजा है जिसमें पूरी दुनिया में बढ़ते आतंकवाद की निंदा की गई है और साथ ही राष्ट्र संघ से मांग की है कि सऊदी अरब के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू शहीद शेख़ बाक़िर निम्र की मौत की सज़ा की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
ज्ञात रहे कि सऊदी अरब ने 2 जनवरी को इस देश के वरिष्ठ शिया धर्मगुरू शेख़ बाक़िर निम्र को मौत की सज़ा दी थी। शहीद शेख़ निम्र के घरवालों का कहना है कि सऊदी न्यायाल ने शहीद निम्र को वकील करने की भी इजाज़त नहीं दी और क़ैद के दौरान उनको इलाज भी नहीं करवाने दिया गया।
source : abna24