Hindi
Saturday 27th of April 2024
0
نفر 0

सुप्रीम कोर्ट ने दिया, बाबरी मस्जिद विवाद को आपसी सहमति से हल करने का सुझाव।

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उचित होगा कि दोनों पक्ष इस मामले को न्यायालय के बाहर ही सुलझा लें।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि यह धर्म और आस्था से जुड़ा मामला है इसलिए इसको कोर्ट के बाहर सुलझा लेना चाहिए। सुप्रिम कोर्ट ने कहा कि इस मामले को सभी पक्षों को मिलकर वार्ता द्वारा सुलझा लेना चाहिए।
उच्चतम न्यायालय के इस बयान का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा समेत कट्टरपंथी पार्टियों ने स्वागत किया है जबकि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य, ऑल इंडिया बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक और बाबरी मस्जिद के लिए केस लड़ रहे वकील जफ़रयाब जीलानी ने कहा कि हम माननीय सुप्रीम कोर्ट के इस सुझाव का स्वागत करते हैं, लेकिन हमें कोई आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट मंजूर नहीं है।
सुप्रिम कोर्ट के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मंदिर पक्ष की ओर से मुक़द्दमा लड़ रहे सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि मस्जिद कहीं भी बन सकती है। लेकिन इस मामले पर कमेटी के ज्वॉइंट कंवीनर डॉ एसक्यूआर इलयास ने कहा कि हम लोगों को सीजीआई की बात मंज़ूर नहीं है।
इलाहबाद हाई कोर्ट पहले ही अपना निर्णय दे चुका है। उन्होंने बाबरी मस्जिद कमेटी और विश्व हिंदू परिषद के बीच हुई पिछली बातचीत का भी उल्लेख किया कि वार्ता किसी परिणाम पर नहीं पहुंची थी। मामले की अगली सुनवाई 31 मार्च को होगी। ज्ञात रहे कि 6 दिसंबर 1992 को कट्टरपंथी हिदुओं ने बाबरी मस्जिद को शहीद कर दिया था।

0
0% (نفر 0)
 
نظر شما در مورد این مطلب ؟
 
امتیاز شما به این مطلب ؟
اشتراک گذاری در شبکه های اجتماعی:

latest article

उमर ने वसीयत नामा लिखे जाने में ...
इमाम शाफेई
वुज़ू के वक़्त की दुआऐ
ज़ैनब के दिल की ढारस अब्बास
मारेकए बद्र व ओहद और शोहदा ए करबला ...
ख़ुतब ए फ़िदक का हिन्दी अनुवाद
संतुलित परिवार में पति पत्नी की ...
वहाबियत, वास्तविकता व इतिहास 5
यमन में अमरीका, इस्राइल और सऊदी ...
अज़ादारी परंपरा नहीं आन्दोलन है 1

 
user comment