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Saturday 25th of January 2025
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इमामे सादिक़ (अ.स) की शहादत

इमामे सादिक़ (अ.स) की शहादत

तारीख़ों से पता चलता है कि मंसूर ने इमाम जाफ़रे सादिक़ (अ0) को मुतअदिद बार ज़हर के ज़रिये शहीद कराने की कोशीश की मगर चूकि मशीयते ईज़दी की तरफ़ से अय्यामे हयात बाक़ी थे इसलिये आप मौत की दस्तरस से महफ़ूज़ रहे। अल्लामा मजलिसी अलैहिर्रहमा का बयान है कि आख़री मर्तबा आपको अंगूर के ज़रिये क़ैदख़ाने में ज़हर दिया गया जिससे आपकी शहादत वाक़े हुई।

शैख़ मुफ़ीद फ़रमाते हैं कि 65 साल की उम्र में आपको मंसूर ने गिरफ़्तार करके क़ैदख़ाने में ज़हर के ज़रिये शहीद करा दिया।  और आप 15 शव्वाल सन् 148 हिजरी को इस दुनिया से रूख़सत हो गए। आपकी शहादत के बाद इमाम मूसा काज़िम (अ0) ने आपको ग़ुस्ल व कफ़न दिया, नमाज़े जनाज़े पढ़ाई और जन्नतुल बक़ी में सुपुर्दे ख़ाक कर दिया। अल्लामा शिबलंजी का कहना है कि आप अपने वालिदे बुज़ुर्गवार के पहलू में मदफ़ून हुए।


(तारीख़े इस्लाम जिल्द 4 सफ़्हा 269 से 270)

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