विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता रामीन मेहमान परस्त ने आज अपने साप्ताहिक पत्रकार सम्मेलन में आतंकवाद से वैश्विक संघर्ष के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के तेहरान में आयोजन को,आतंकवाद से वास्तविक संघर्ष के मार्ग में सभी स्वाधीन देशों को लामबंद करने हेतु एक ठोस व प्रभावी क़दम बताया। उन्होंने कहा कि तेहरान सम्मेलन में आतंकवाद से संघर्ष, आतंकवाद की वास्तविक परिभाषा और आतंकवाद को अस्तित्व में लाने वाले कारकों की पहचान के लिए एक वैश्विक रणनीति पर विचार किया गया। श्री मेहमान परस्त ने बताया कि तेहरान सम्मेलन में 50से अधिक देशों के सरकारी प्रतिनिधियों ने भाग लिया जबकि लगभग 10अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने इसमें सक्रिय रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। 25 और 26 जून को आयोजित होने वाले तेहरान सम्मेलन के लिए संयुक्त राष्ट्रीय संघ तथा इस्लामी सहयोग संगठन के महासचिवों ने संदेश भेज कर इसके प्रति अपने समर्थन की घोषणा की। ईरानी विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता रामीन मेहमान परस्त ने इसी प्रकार पैग़म्बरे आज़म-6 नामक प्रक्षेपास्त्रिक अभ्यास के बारे में कहा कि एक स्वाधीन देश अपनी प्रतिरक्षा के लिए जितनी अधिक क्षमता का स्वामी होगा उतना ही वह क्षेत्र में शांति, स्थिरता व सुरक्षा की स्थापना में प्रभावी होगा और यदि क्षेत्र के सभी देश, मज़बूत प्रतिरक्षा क्षमता के स्वामी होते तो ज़ायोनी शासन कभी भी अतिक्रमण व अतिग्रहण का दुस्साहस नहीं कर सकता था। उन्होंने ईरान के लिए मानवाधिकार के विशेष रिपोर्टर के निर्धारण को राजनैतिक लक्ष्यों के अंतर्गत और पश्चिमी देशों के दबाव में उठाया गया एक क़दम बताया और कहा कि यह विषय उस नियम के विपरीत है जिसे सभी देशों के संबंध में स्वाभाविक रूप से क्रियान्वित किया जाना चाहिए। श्री मेहमान परस्त ने इसी प्रकार अमरीका द्वारा ईरान पर लगाए गए एकपक्षीय प्रतिबंधों के विरोध के संबंध में रूसी विदेशमंत्रालय के बयान की ओर संकेत करते हुए कहा कि रूस की नीति उचित है और अमानवीय एवं अन्यायपूर्ण प्रतिबंधों के विरोध तथा न्याय की स्थापना के परिप्रेक्ष्य में है।