फ़िलिस्तीनियों की अलयौम वेबसाइट ने एक रहस्योदघाटन में इस्राईल के मानवता विरोधी क़दम से पर्दा हटाया है। इस रिपोर्ट के अनुसार इस्राईल, अपनी एक गुप्त एकेडमी में जैविक हथियारों का उत्पादन कर रहा है जिसे वह पूरे विश्व में अपनी आतंकवादी कार्यवाहियों में प्रयोग भी करता है। तेल अविव के दक्षिण पूर्वी क्षेत्र में ज़ायोनी शासन की यह जैविक संस्था है और इसकी गणना इस्राईल के सबसे गुप्त सैन्य प्रतिष्ठान में होती है। ज़ायोनी शासन जैविक हथियारों के उत्पादन के इस केन्द्र से संबंधित समाचारों पर इतना कड़ा सेंसर लगाए हुए है कि स्वंय ज़ायोनी संचार माध्यमों को इस केन्द्र से जुड़े समाचार पश्चिमी संचार माध्यमों से विलंब से मिलते हैं। पश्चिमी संचार माध्यम इस केन्द्र के विशेष सूत्रों से जानकारियां प्राप्त करते हैं। ज़ायोनी समाचार पत्र हाआरेत्ज़ के अनुसार मोसाद द्वारा प्रयोग किए जाने वाले अधिकांश ज़हर का इसी जैविक केन्द्र में उत्पादन होता है।इसी केन्द्र में कीदून नामक ज़हर का उत्पादन हुआ था जिसे वर्ष 1997 में मोसाद ने हमास के राजनैतिक कार्यालय के प्रमुख ख़ालिद मशअल की हत्या के लिए प्रयोग किया था। मोसाद ने फ़रवरी 2010 में हमास के नेता महमूद अलमबहू की हत्या में जिस ज़हर का प्रयोग किया था उसका उत्पादन भी इसी केन्द्र में हुआ था। क्षेत्रीय देश और विश्व के बहुत से देश मानवता विरोधी ज़ायोनी शासन के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की ओर से गंभीर क़दम उठाए जाने के इच्छुक हैं किन्तु अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, पश्चिमी सरकारों की ओर से रुकावट खड़ी किए जाने के कारण इस्राईल के विरुद्ध कोई निर्णय नहीं ले पा रहा है। पश्चिम विशेष रूप से अमरीका के समर्थन ने इस्राईल को सामूहिक विनाश के शस्त्रों के उत्पादन के लिए तथा अंतर्राष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन पर अधिक दुस्साहस बना दिया है।(हिन्दी एरिब डाट आई आर के धन्यवाद क साथ. )
फ़िलिस्तीनियों की अलयौम वेबसाइट ने एक रहस्योदघाटन में इस्राईल के मानवता विरोधी क़दम से पर्दा हटाया है। इस रिपोर्ट के अनुसार इस्राईल, अपनी एक गुप्त एकेडमी में जैविक हथियारों का उत्पादन कर रहा है जिसे वह पूरे विश्व में अपनी आतंकवादी कार्यवाहियों में प्रयोग भी करता है। तेल अविव के दक्षिण पूर्वी क्षेत्र में ज़ायोनी शासन की यह जैविक संस्था है और इसकी गणना इस्राईल के सबसे गुप्त सैन्य प्रतिष्ठान में होती है।