तेहरान की यात्रा पर आए तुर्की के विदेश मंत्री अहमद दाऊदओग़लू ने विदेश मंत्री अली अकबर सालेही से भेंट की और तीन घंटों तक चलने वाली लम्बी वार्ता में क्षेत्रीय देशों विशेषकर सीरिया की स्थिति पर विचारों का आदान प्रदान किया।ईरान और तुर्की के बीच गहरे आर्थिक, राजनैतिक, व्यापारिक एवं सांस्कृतिक संबंध हैं तथा क्षेत्रीय मामलों में भी दोनों देशों के बीच तालमेल है। इस समय क्षेत्र के देशों में मूल परिवर्तन हो रहे हैं और यदि यह प्रक्रिया सही दिशा में आगे बढ़ती है तो क्षेत्र में शांति व स्थिरता बढ़ेगी और सर्व व्यापी विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। एसा विकास जिसका लाभ केवल कुछ वर्गों तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि समाज के सभी वर्गों की उसमें भागीदारी होगी।इस संदर्भ में तेहरान और अंकारा के दृष्टिकोणों में समानता पायी जाती है किंतु इस समय सबसे अधिक आवश्यकता है सूझबूझ और सोच विचार के साथ काम करने की क्योंकि कुछ भ्रामक गतिविधियां भी आरंभ हो गई हैं जो क्षेत्र के देशों को गंभीर क्षति पहुंचा सकती हैं। दूसरी बात यह है कि जो कुछ लीबिया, बहरैन और सीरिया जैसे देशों में हो रहा है, क्षेत्र के अन्य देश उससे स्वयं को तटस्थ नहीं रख सकते उनके रचनात्मक सहयोग का बहुत महत्व है। हालिया कुछ वर्षों में तुर्की ने क्षेत्रीय देशों के मामलों में सक्रिय भूमिका निभाई है। वैसे इस्राईल, इराक़ तथा सीरिया के मामलों में उसके कुछ निर्णयों पर आपत्ति भी हुई जो उसने पश्चिमी देशों की इच्छाओं को दृष्टिगत रखकर किए। सीरिया की सरकार ने तुर्की के इस प्रकार के बयानों पर टिप्पणी भी की। इस बीच ईरान की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है जिसके सीरिया और तुर्की दोनों से गहरे संबंध हैं अतः तुर्की और ईरान के बीच बातचीत और विचारों के आदान प्रदान का महत्व भी स्पष्ट है।(एरिब डाट आई आर के धन्यवाद के साथ)...........166
तेहरान की यात्रा पर आए तुर्की के विदेश मंत्री अहमद दाऊदओग़लू ने विदेश मंत्री अली अकबर सालेही से भेंट की और तीन घंटों तक चलने वाली लम्बी वार्ता में क्षेत्रीय देशों विशेषकर सीरिया की स्थिति पर विचारों का आदान प्रदान किया।