संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के स्थाई प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून से म्यान्मार में अल्पसंख्यक मुसलमानों के जातीय सफाए को रुकवाने के लिए तुरंत क़दम उठाने की मांग की है। प्रेस टीवी की रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के प्रतिनिधि मोहम्मद ख़ज़ाई ने शुक्रवार को बान की मून के नाम आधिकारिक पत्र में लिखाः संयुक्त राष्ट्र संघ अपने घोषणापत्र की गरिमा बनाए रखने तथा म्यान्मार में मुसलमान जनता के मूल अधिकारों की रक्षा के लिए तुरंत क़दम उठाते हुए म्यान्मार की सरकार से मुसलमानों के विरुद्ध दमनात्मक कार्यवाही रोकने के लिए कहे। म्यान्मार में चरमपंथी बौद्धधर्मियों और पुलिस बल द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों के जनसंहार में अब तक 650 मुसलमान हताहत हुए और 1200 लापता हैं। पिछले शुक्रवार को म्यान्मार के राष्ट्रपति थिन सेन ने रोहिंग्या मुसलमानों को इस देश से निकालने और उन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ के शरणार्थी कैंपों में भेजने पर बल दिया। म्यान्मार की सरकार रोहिंग्या मुसलमानों को अपने देश का नागरिक मानने से इंकार कर रही है जबकि रोहिंग्या मुसलमानों को फ़ारसी, तुर्की, बंगाली और पठान मूल का बताया जाता है कि जो 8 वीं ईसवी शताब्दी में बर्मा गए थे। म्यानमार में पश्चिम द्वारा प्रायोजित प्रजातंत्र की नायिका समझी जाने वाली एवं नोबल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सूकी भी रोहिंग्या मुसलमानों के जनसंहार पर मौन धारण किए हुए हैं। म्यान्मार में सरकार रोहिंग्या मुसलमानों को भूमि अधिकार, शिक्षा और सार्वजिनक सेवा के अधिकार नहीं दे रही है और उनकी गतिविधियों को भी सीमित कर रही है।समाचार समाप्त........166
संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के स्थाई प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून से म्यान्मार में अल्पसंख्यक मुसलमानों के जातीय सफाए को रुकवाने के लिए तुरंत क़दम उठाने की मांग की है.......