कर्बला में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की शहादत के बाद कई आंदोलन हुए जिनमें से एक का नाम क़यामे तव्वाबीन था। यह आंदोलन अचेतना की नींद सोये समाज के जागरुक हो जाने के बाद हुआ। ...
पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही व सल्लम के पौत्र हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम का कथन है कि जब कभी कोई अनाथ रोता है तो आकाश हिल जाता है और ...
इस्लामी इतिहास एसी हस्तियों के अस्तिव के सुसज्जित व भरा पड़ा है जो न केवल अपने काल बल्कि समस्त कालों और पीढियों के लिए सर्वोत्तम आदर्श हैं और इन हस्तियों में सर्वोपरि ...
हे ईश्वर मैं तेरा आभार व्यक्त करता हूं कि आज तूने मुझे १२वां रोज़ा रखने का सामर्थ्य प्रदान किया है। मेरी तुझसे प्रार्थना है कि तू मुझे अपनी विशेष कृपा का पात्र ...
क़सीदाजो शख्स शहे दी का अज़ादार नही हैवो जन्नतो कौसर का भी हक़दार नही है।जिसने न किया खाके शिफा पर कभी सजदासच पूछीये वो दीं का वफादार नही है।ये जश्ने विला शाहे शहीदां से है ...
सर्वसमर्थ व महान ईश्वर कहता है कि मेरे बंदों के लिए सर्वोत्तम उपासना यह है कि वे मेरी दया, कृपा और भलाई की आशा लगाये रहें और मेरे बारे में अच्छा विचार रखें। इस स्थिति में ...
नाम व उपाधियाँआपका नाम अली व आपके अलक़ाब अमीरुल मोमेनीन, हैदर, कर्रार, कुल्ले ईमान, सिद्दीक़,फ़ारूक़, अत्यादि हैं।माता पिताआपके पिता हज़रतअबुतालिब पुत्र हज़रत अब्दुल ...
अहलेबैत न्यूज़ एजेंसी अबना के अनुसार हज़रत इमाम हुसैन अ. ने अपने रिश्तेदारों और साथियों के साथ इस्लाम को क़यामत तक के लिये अमर बना देने के लिए महान बलिदान दिया है। इस ...
8 रबीउल अव्वल को हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम का शहादत दिवस है। उन्होंने अपनी 28 साल की ज़िन्दगी में दुश्मनों की ओर से बहुत से दुख उठाए और तत्कालीन अब्बासी शासक ...
इस साल पवित्र रमज़ान गर्मियों में पड़ा है। विश्व के बहुत से देशों में लोग भीषण गर्मी में रोज़े रख रहे हैं। निश्चित रूप से इस गर्मी में रोज़े का सवाब अर्थात पुण्य भी अधिक ...
इल्मी, इज्तेमाई व रूहानी कामयाबियों को हासिल करने के लिये सब को सब्र व तहम्मुल की ज़रूरत होती है। तमाम कामयाबियाँ एक दिन में ही हासिल नही की जा सकती, बल्कि बरसों तक खूने दिल ...
लेखक: आयतुल्लाह हुसैन अनसारियान
किताब का नाम: तोबा आग़ोशे रहमत
किसी भी सकारात्मक परिश्रम के गुज़र बसर के लिए परमेश्वर की बंदगी और आराधना होने मे कोई संदेह नही है; क्यो ...
किताबे मुन्तहल आमाल मे बयान किया गया है कि आयाते क़ुराने करीम और अहादीसे मुतावातिरा से साबित होता है कि परवरदिगारे आलम ने रसुले अकरम स.अ.व.व. को मक्का ए मोअज़्ज़मा से ...
सूरे यासिन पवित्र क़ुरआन का ३६वां सूरा है। यह सूरा मक्के में उतरा है। विभिन्न रवायतों के अनुसार सूरे यासिन पवित्र क़ुरआन का महत्वपूर्ण सूरा है और इसे क़ुरआन का दिल कहा गया ...
हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का जीवन परिचयमाता पिताहज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के पिता हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम व आपकी माता हज़रत फ़तिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा ...
पर हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स.) की वह अहादीस (प्रवचन) जो एक इश्वरवाद, धर्मज्ञान व लज्जा आदि के संदेशो पर आधारित हैं उनमे से मात्र चालिस कथनो का चुनाव करके अपने प्रियः अध्ययन ...
१. ग़ाफ़िल तरीन (बेपरवाह) शख़्स वह है जो ज़माने (समय) की गर्दिश और हादसात से इबरत हासिल न करे। २. जो शख़्स बद अख़लाक़ है (गोया) उसने अपने एक दाएमी (सदैव) अज़ाब में मुबतला कर रखा ...
पुस्तकः कुमैल की प्रार्थना का वर्णन
लेखकः आयतुल्ला अनसारीयान
इसके पूर्व लेख मे हमने प्रश्न का वर्णन किया था कि जब प्रत्येक सेकंण्ड मे विषयली कार्बन की मात्रा बढ़ती ही ...
हज़रत ख़दीजा अ. के बाप ख़ुवैलद और मां फ़ातिमा बिंते ज़ाएदा बिंते असम हैं। जिस परिवार में आपका पालन पोषण हुआ वह परिवार अरब के सारे क़बीलों में सम्मान की नज़र से देखा जाता था ...