लेखक: आयतुल्लाह हुसैन अनसारियान
किताब का नाम: तोबा आग़ोशे रहमत
इस बात की ओर ध्यान केंद्रित किये बिना खाना, पीना, पहनना और लाभ उठाना एवम प्रत्येक नेमत का उपयोग करना कि इन नेमतो ने किस की इच्छा से, कैसे और क्यो जन्म लिया है? ब्रह्माड मे रंग, स्वाद, गंध और ऊर्जा के शामिल होने का क्या कारक था। संक्षेप मे रोटी, कपड़े के टुक्ड़े अथवा कृषि के लिए तैयार भुमि, बहता हुआ झरना, बहती हुई नदी और लाभदायक वृक्षो से भरपूर्ण जंगल के बारे मे बिना विचार किये लाखो अथवा अरबो करोडो कारको की सहायता से मानव जीवन का निर्माण करना अनजान और अज्ञान व्यक्ति का कार्य है?
एक बुध्दिमान व्यक्ति के पास जितनी भी नेमतै है वह अपनी बुध्दि एवम ह्रदय की दृष्ठि से नेमतो के जन्मदाता को खोजता है, ताकि वह उसे नेमत के किनारे स्पर्श करे और नेमत के लाभ को जाने, और नेमत के जन्मदाता की इच्छानुसार उसका प्रयोग करे।
मार्गदर्शन की किताब क़ुरआन मनुष्यो को नेमत की ओर इस प्रकार केंद्रित कराती है
يَا أَيُّهَا النَّاسُ اذْكُرُوا نِعْمَتَ اللَّهِ عَلَيْكُمْ هَلْ مِنْ خَالِق غَيْرُ اللَّهِ يَرْزُقُكُم مِنَ السَّماءِ وَالاَْرْضِ لاَ إِلهَ إِلاَّ هُوَ فَأَنَّى تُؤْفَكُونَ(सूराए फ़ातिर 35, आयत 3)
हे मानव! अपने ऊपर परमेश्वर की नेमत को याद करो क्या इमके अलावा और कोई निर्माता है वही तुम्हे आकाश और पृथ्वी से रोज़ी प्रदान करता है इसके अलावा कोई परमेश्वर नही है तो तुम किस ओर भटकते चले जा रहे हो?
हाँ सभी नेमतै लाभो के साथ परमेश्वर की ऐकता पर दलील और दिव्यसारकीऐकता(तौहीदे ज़ाती) पर सबूत एवम ईश्वर की पहचान का सरल मार्ग (आसान रास्ता) है।